पिता
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“पिता” – काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह
“पिता”
जिंदगी की धूप में पीपल की घनी छांव है पिता,
गम के अंधेरों में उम्मीद की रोशनी है पिता,
डोलती है जब जीवन नैया दुखों के सागर में,
गमों के थपेड़ों से पार ले जाने की पतवार है पिता।
नेहा शर्मा ‘नेह’
मोहाली, पंजाब