पत्र
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प्रेमी प्रियतम नाम से, लिखा प्रणय का पत्र।
प्रिय वसंत का आगमन, काम उठाया शस्त्र।।१
भेज रहे प्रियवर तुझे, स्नेह निमंत्रण पत्र।
दर्शन जल्दी दीजिये, रहे नहीं अन्यत्र।। २
बिछड़ी हूँ मैं इस तरह, ज्यों डालीं से पात।
निर्झर नयनों से झरे, दर्द भरी बरसात।।३
आया बसंत डाकिया, लिए प्रणय का पत्र ।
बाँच रहा सुरभित पवन, बिखर दिए सर्वत्र।। ४
वृक्ष सुसज्जित शोभते,पहन हरित नव पत्र।।
फूलों ने कर धर लिए,कंटक रूपी शस्त्र। ।५
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली