Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2023 · 1 min read

मैं चाँद पर गया

पल सुहेला,
रजनी बेला।
न कोई मेला,
मैं अकेला।

अंतरिक्षयान
भरा उड़ान।
दौड़ता विमान,
चीरे आसमान।

तीव्र बेग से बढ़ता जाए,
चांद की ओर चढ़ता जाये।
यान गतिमान,मैं परेशान,
सुना गगन न कोई निशान।

मंजिल को पाऊंगा,
या रास्ते में मिट जाऊंगा।
यह क्या यान लड़खड़ाया,
मैं खुद को चाँद पर पाया।

बचपन में दादी छत ले जाती थी,
रात में चंदा मामा दिखाती थी।
मन मेरा हरसाता था,
पर कुछ नहीं समझ आता था।

दादी कहती देखो चाँद पर
बुढ़िया चरखे से सूत कात रही है।
मैं सोचता दादी ने जो कहा,
क्या सच में यह बात सही है।

राहु जब आता है,
चाँद को सताता है।
बुढ़िया भग जाती है
भगवान को बताती है।

न बुढ़िया चरखा कात रही,
न सतह पर काहू है,
हर तरफ सूनापन,
कहीं नहीं राहू है।

उबड़ खाबड़ चटटानों पर,
रेत ही रेत है।
न कहीं वृक्ष पक्षी पशु नर,
न ही भूत या प्रेत है।

मैं चांद पर टहल रहा था,
खुद में बहल रहा था।
एक टीले से टकराया,
बिस्तर से नीचे खुद को पाया।

चीख निकल गयी,
मुझे लगा माथा फूट गया।
लेकिन मैं धरती पर था,
बस मेरा सपना टूट गया।

सतीश सृजन

Language: Hindi
47 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ऊंचाई को छूने में गिरना भी लाजमी है
ऊंचाई को छूने में गिरना भी लाजमी है
'अशांत' शेखर
नींद
नींद
Diwakar Mahto
तंज़ीम
तंज़ीम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सौ सदियाँ
सौ सदियाँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सियासी बातें
सियासी बातें
Shriyansh Gupta
*होली*
*होली*
Shashi kala vyas
दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें)
दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें)
AJAY PRASAD
आज बहुत दिनों के बाद आपके साथ
आज बहुत दिनों के बाद आपके साथ
डा गजैसिह कर्दम
Mana ki mohabbat , aduri nhi hoti
Mana ki mohabbat , aduri nhi hoti
Sakshi Tripathi
जोशीला
जोशीला
RAKESH RAKESH
Music and Poetry
Music and Poetry
Shivkumar Bilagrami
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
Ms.Ankit Halke jha
शहीदों लाल सलाम
शहीदों लाल सलाम
नेताम आर सी
खुद के करीब
खुद के करीब
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
“बेवफा तेरी दिल्लगी की दवा नही मिलती”
“बेवफा तेरी दिल्लगी की दवा नही मिलती”
Basant Bhagwan Roy
■ आज की बात
■ आज की बात
*Author प्रणय प्रभात*
शनि देव
शनि देव
Sidhartha Mishra
प्रकृति को त्यागकर, खंडहरों में खो गए!
प्रकृति को त्यागकर, खंडहरों में खो गए!
विमला महरिया मौज
ਲਿਖ ਲਿਖ ਕੇ ਮੇਰਾ ਨਾਮ
ਲਿਖ ਲਿਖ ਕੇ ਮੇਰਾ ਨਾਮ
Surinder blackpen
बुध्द गीत
बुध्द गीत
Buddha Prakash
जब तक नहीं है पास,
जब तक नहीं है पास,
Satish Srijan
ग़ुमनाम जिंदगी
ग़ुमनाम जिंदगी
Awadhesh Kumar Singh
किन्नर-व्यथा ...
किन्नर-व्यथा ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
औरों की उम्मीदों में
औरों की उम्मीदों में
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
💐प्रेम कौतुक-503💐
💐प्रेम कौतुक-503💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रामनवमी
रामनवमी
Ram Krishan Rastogi
तो मेरे साथ चलो।
तो मेरे साथ चलो।
Manisha Manjari
बच्चों सम्भल लो तुम
बच्चों सम्भल लो तुम
gurudeenverma198
संघर्षों के राहों में हम
संघर्षों के राहों में हम
कवि दीपक बवेजा
*मुदित युगल सरकार खेलते, फूलों की होली (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*मुदित युगल सरकार खेलते, फूलों की होली (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
Loading...