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5 Dec 2022 · 1 min read

नींद पर लिखे अशआर

नींद आंखों में जब नहीं आती।
ज़ायके करवटों के लेते हैं ।।

मेरे हिस्से की नींद दे मुझको ।
अभी आंखों के ख़्वाब बाक़ी है ।।

ख़्वाब सारे अधूरे निकले थे ।
नींद कच्ची थी मेरी आंखों की ।।

नींद अपना सुकून खो बैठे ।
ख़्वाब रखना न इतने आंखों में ।।

नींद , मुद्दत से रूठी बैठी है ।
ख़्वाब देखें हैं फिर भी आंखों ने ।।

ख़्वाब में हमसे मिल कभी आके।
मेरी आंखों को नींद आती है ।।

ख़्वाब देखा था मेरी आँखों ने ।
तुम मुझे नींद से जगा बैठे ।।

नींद वाक़िफ नहीं हक़ीक़त से ।
ख़्वाब आँखों में ना समाते हैं ।।

नींद हमने निचोड़ कर देखी ।
ख्वाब-ए-ताबीर कुछ नहीं निकली ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
13 Likes · 36 Views
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