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22 Mar 2023 · 1 min read

“नवसंवत्सर सबको शुभ हो..!”

नहीं चाहिए चाँदी-सोना, महलों को ठुकराऊँ,
कर दे मुझे निहाल, शरण मेँ तेरी बस सुख पाऊँ।

धूल, बिवाईँ सने पाँव, कैसे तेरे दर आऊँ।
मैली चादर भले, किन्तु निर्मल मन से गुहराऊँ।

कहाँ मिले मेवा-मिसरी, घृत, फल किस भाँति जुटाऊँ,
चना बतासा पास, किन्तु मैं विधि से भोग लगाऊँ।

रूखी-सूखी, मोटी रोटी खा, कर मैं इतराऊँ,
देवि कृपा कर, हर दिन मैं बस तेरे ही गुन गाऊँ।

नवसंवत्सर सबको शुभ हो, यह अरदास कराऊँ,
करो विश्व कल्याण, यही “आशा” फिर-फिर दुहराऊँ..!

—–##—————##————–##——-

Language: Hindi
11 Likes · 14 Comments · 296 Views
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Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD

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