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21 Sep 2022 · 1 min read

नभ में था वो एक सितारा

नभ में था वो एक सितारा

लगता था हम सबको प्यारा

चमचमाके सबको हँसाता

सामने वो जब भी आता

ऊर्जा नई सबको दे जाता

दुःख दर्द अपना भूल जाते

संताप सबके यूँ मिट जाते

गहरी काली निशा आई

वो सितारा फिर कहीं खो गया

सिलसिला ठहाकों का थम गया

उठो ‘ राजू ‘ जग को हँसाओ

‘ गजोधर भैया ‘ खिलखिलाओ

मातम ये गहरा छाया है

हर दिल दुःख में दिखलाया है

अजब दुःख ये तुम दिला गए

राजू तुम सबको रुला गए

जहां में अमर हो जाओगे

सबके दिल में जगह बनाओगे

फिर नई दुनिया में जाना

हँसना व सबको हँसाना

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