नफ़रत की आग
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/a9f2a069e0fbedd0200d573791f05ca1_02f78b074d0f96233aa2abc51838211e_600.jpg)
कौन है हिंदू
कौन है मुस्लिम
कौन है सिक्ख
कौन ईसाई है
इस देश में
रहने वाला
हर इंसान
हमारा भाई है…
(१)
जिसने बेटों को
क़त्ल किया
और बेटियों से
दुराचार
न तो देशभक्त
न ही राष्ट्रवादी
वह बेरहम
एक कसाई है…
(२)
ये कम्यूनिस्ट
वे खालिस्तानी
ये नक्सली
वे पाकिस्तानी
तेरा भी घर
न फूंके तो कहना
वही आग जो
तूने लगाई है…
(३)
कहीं ज़हालत
कहीं पाखंड
कहीं कट्टरता
कहीं कर्मकाण्ड
जैसे भी बने
इसे रोकिए
इसमें सबकी
जग हंसाई है…
(४)
उजाड़ी जा रहीं
बस्तियां
लूटी जा रहीं
दुकानें
जिसकी आंखों के
सामने
वह तो पुलिस
नहीं, दंगाई है…
(५)
न तो उन्हें है
कोई शर्म
न ही है
कोई अफ़सोस
अपनी काली
करतूतों पर
यह तो एकदम
बेहयाई है…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#इंकलाबी #फनकार #भंडाफोड़
#गीत #सियासत #जनवादी #बागी
#lyricist #riots #genocide
#Bollywood #lyrics #rebel
#Politics #opposition #poetry