Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2023 · 1 min read

धूर अहा बरद छी (मैथिली व्यङ्ग्य कविता)

दोसरेके लेल बहब,
खुट्टामे बानहल रहब,
कुट्टीसानी लेल टुकुर–टुकुर ताकब,
मलिकवाक दाना लेल कच्छर कातब,
डिरिएबाक आदत बनाएब,
तिरपित ओहीमे रहब,
झुठ नई छै शनिश्चराक कहब–
धूर अहा बरद छी ।१।

बधिया त पहिने भ गेल,
बच्छाक जामाना गेल,
साढ बनाबक समय सेहो गेल,
मर्खाहा बनबाक नई करु झेल,
टाइरमे बहब जमाना गुजैर गेल,
खैर–दाना बिना लार–पुआर खाएब,
झूठ नई छै शुक्राके कहब–
धूर अहा बरद छी ।२।

घेंचमे लागल गरदामी,
ओईमे लटकल डोरी,
कहियौ औतैह लागल कौडी,
सिंहमे तेल मालिस तोडी,
अई सिंगारक नई कुनू जोडी,
जोतबालेल तयार रहब,
झुठ नई छै बृहस्पतियाक कहब–
धूर अहा बरद छी ।३।

आँखि बन्द कोलमे घुमै,
कहियो झपकैत–झपकैत हर तानै,
सदखनि जुआ आ पालो बहै,
जोतहा जब पुच्छ पकडै,
अरे आह–आह कहैत अइठै
कान फडफराबैत मुडि हिलाएब,
झुठ नई छै बुधनाक कहब–
धूर अहा बरद छी ।४।

कांढिसं इलाजक आदि,
अपना पर मूँहमे जाबी,
दूसराक बालि पर हाबी,
ढोकनासं निकलत बदमासी,
बेसी कसबाकलेल नाथि,
तइयौ जुवाली सहबे करब,
झुठ नई छै मंगालाक कहब–
धूर अहा बरद छी ।५।

लांधी खाली रहत,
पेटके लेल डिरियाबै पडत,
मलिकबा त जोतेबे करत,
दयाभावसँ मलिकाइन पुवार ओगरत,
गोबरकर्सी अपन मर्जीसँ उठाएत,
ठूठ पुच्छ हिला–हिलाके कुकुरमाछी भगाएब
झूठ नई छै सोमनाके कहब–
धूर अहा बरद छी ।६।

कतबो दौनि घुमब,
तइयो पेनी खाएब,
कहियो गोला कहाएब,
सिलेबिया सेहो कहाएब,
जौ नई बहब, त बुढवा कहाएब,
नियति बनल मालिकके खुश करब,
झुठ नई छै रवियाके कहब–
धूर अहा बरद छी ।७।

Language: Maithili
1 Like · 490 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
View all
You may also like:
"मौत की सजा पर जीने की चाह"
Pushpraj Anant
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"स्वार्थी रिश्ते"
Ekta chitrangini
इंतजार
इंतजार
Pratibha Pandey
पीयूष गोयल में हाथ से लिखी दर्पण छवि में १७ पुस्तकें.
पीयूष गोयल में हाथ से लिखी दर्पण छवि में १७ पुस्तकें.
Piyush Goel
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कितना रोका था ख़ुद को
कितना रोका था ख़ुद को
हिमांशु Kulshrestha
आरती करुँ विनायक की
आरती करुँ विनायक की
gurudeenverma198
बैठा के पास पूंछ ले कोई हाल मेरा
बैठा के पास पूंछ ले कोई हाल मेरा
शिव प्रताप लोधी
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
AMRESH KUMAR VERMA
अलग सी सोच है उनकी, अलग अंदाज है उनका।
अलग सी सोच है उनकी, अलग अंदाज है उनका।
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
*ट्रक का ज्ञान*
*ट्रक का ज्ञान*
Dr. Priya Gupta
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
Neeraj Agarwal
जिंदगी वो है
जिंदगी वो है
shabina. Naaz
*
*"ब्रम्हचारिणी माँ"*
Shashi kala vyas
वाह टमाटर !!
वाह टमाटर !!
Ahtesham Ahmad
कब मैंने चाहा सजन
कब मैंने चाहा सजन
लक्ष्मी सिंह
मां का हृदय
मां का हृदय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आँखों का कोना,
आँखों का कोना,
goutam shaw
"सफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
डिग्रियां तो मात्र आपके शैक्षिक खर्चों की रसीद मात्र हैं ,
डिग्रियां तो मात्र आपके शैक्षिक खर्चों की रसीद मात्र हैं ,
Lokesh Sharma
*भालू (बाल कविता)*
*भालू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"हास्य व्यंग्य"
Radhakishan R. Mundhra
आग लगाते लोग
आग लगाते लोग
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
🙅चुनावी साल🙅
🙅चुनावी साल🙅
*प्रणय प्रभात*
ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा ,
ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
संवादरहित मित्रता, मूक समाज और व्यथा पीड़ित नारी में परिवर्तन
संवादरहित मित्रता, मूक समाज और व्यथा पीड़ित नारी में परिवर्तन
DrLakshman Jha Parimal
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
Phool gufran
गणतंत्र का जश्न
गणतंत्र का जश्न
Kanchan Khanna
Loading...