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7 Jul 2023 · 1 min read

दौर कागजी था पर देर तक खतों में जज्बात महफूज रहते थे, आज उम्

दौर कागजी था पर देर तक खतों में जज्बात महफूज रहते थे, आज उम्रभर की यादें भी एक उंगली से डिलीट हो जाती है।

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