दो कदम लक्ष्य की ओर लेकर चलें।
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दो कदम लक्ष्य की ओर लेकर चलें।
आंधियां आ रही नाव खेकर चलें।
ठान लो बस हमें अब न रुकना कहीं।
वक्त को मात बस आज देकर चलें।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १४/१०/२०२३
दो कदम लक्ष्य की ओर लेकर चलें।
आंधियां आ रही नाव खेकर चलें।
ठान लो बस हमें अब न रुकना कहीं।
वक्त को मात बस आज देकर चलें।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १४/१०/२०२३