दोहा
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काल चुनौती दे रहा ,करो उसे स्वीकार।
जीवन देता सीख ये,कभी न मानो हार।।1
उनको मिलती जीत है,जो करते प्रतिकार।
कभी किनारे बैठकर ,नदी न होती पार।।2
भले हमारे पास हैं, साँसें केवल चंद।
लेना होगा पर हमें ,जीवन का आनंद।।3
जीवन रहता है तभी,खुशियों से आबाद।
मन में जब होता नहीं,दुःख और अवसाद।।4
डाॅ बिपिन पाण्डेय