Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2016 · 1 min read

देख कर फिर सघन जलधर

देखकर फिर सघन जलधर
विकल बरसे नयन झर-झृर
सूखते से पादपों ने
मौन रहकर सब सहा है
अधखिली कलियों प्रतिपल
आस भर-भर कर कहा है
खिल उठे फिर प्रेम-मधुबन
अश्रु बरसो आज निर्झर । देखकर….
वेदना के गीत की यह
मधुर धुन किसने सुनाई ?
चाह की परिकल्पना में
मूर्ति मञ्जुल क्यों बनाई ?
क्यों किया श्रंगार अनुपम
कामना ने रूप धर-धर ?देखकर …
हम चले थे नभ से लेकर
मन में सुन्दर सप्त-घेरे
दिन सुखद अब रात में हैं
खो गये वह पंथ मेरे
प्रेम-दीपक आज जलना
साथ मेरे आह भर-भर
देखकर फिर सघन जलधर, विकल ….

Language: Hindi
1 Comment · 683 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जय माँ कात्यायनी
जय माँ कात्यायनी
Dr Archana Gupta
पारिवारिक व्यथा
पारिवारिक व्यथा
Dr. P.C. Bisen
बस अणु भर मैं बस एक अणु भर
बस अणु भर मैं बस एक अणु भर
Atul "Krishn"
गुनगुनाए तुम
गुनगुनाए तुम
Deepesh Dwivedi
परिणय प्रनय
परिणय प्रनय
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
Nothing can replace consistency and hardwork.somebody may gu
Nothing can replace consistency and hardwork.somebody may gu
पूर्वार्थ देव
देश का बेटा रतन टाटा तुम सा अपना फर्ज यहां कौन निभाता।
देश का बेटा रतन टाटा तुम सा अपना फर्ज यहां कौन निभाता।
Rj Anand Prajapati
शिक़ायत नहीं है
शिक़ायत नहीं है
Monika Arora
"मुस्कान की भाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
"एक ही जीवन में
पूर्वार्थ
नयनों की भाषा
नयनों की भाषा
सुशील भारती
भटक ना जाना मेरे दोस्त
भटक ना जाना मेरे दोस्त
Mangilal 713
हुआ
हुआ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Kumar Agarwal
हांथ जोड़ते-पैर पड़ते हैं, हर खता के बाद वो।
हांथ जोड़ते-पैर पड़ते हैं, हर खता के बाद वो।
श्याम सांवरा
इक झलक देखी थी हमने वो अदा कुछ और है ।
इक झलक देखी थी हमने वो अदा कुछ और है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
गर मयस्सर ये ज़ीस्त हो जाती
गर मयस्सर ये ज़ीस्त हो जाती
Dr fauzia Naseem shad
इशारा
इशारा
प्रकाश कुमार "बाग़ी"
🙅एक शोध🙅
🙅एक शोध🙅
*प्रणय प्रभात*
समूचे विश्व में अपना भी स्वाभिमान निखरेगा,
समूचे विश्व में अपना भी स्वाभिमान निखरेगा,
Abhishek Soni
दोहा छंद
दोहा छंद
Seema Garg
विचार और भाव-2
विचार और भाव-2
कवि रमेशराज
शिक्षा का सही मार्ग
शिक्षा का सही मार्ग
Dhananjay Kumar
~ मां ~
~ मां ~
Priyank Upadhyay
किसी की यादों में जलती हुई हुईअग्निपरी
किसी की यादों में जलती हुई हुईअग्निपरी
कार्तिक नितिन शर्मा
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
SATPAL CHAUHAN
कुछ लोगों के बाप,
कुछ लोगों के बाप,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अधूरा इश्क़
अधूरा इश्क़
Dr. Mulla Adam Ali
"कुछ तो गुन गुना रही हो"
Lohit Tamta
तुम हो साथ मेरे
तुम हो साथ मेरे
Mamta Rani
Loading...