दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
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दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
अपने से भी ज्यादा जिस पर, कर सकते विश्वास।
स्मृति मात्र से जिसकी तिरता, अधरों पर मृदु हास।
अनगिन मित्रों की टोली में, मित्र वही है खास।
© सीमा अग्रवाल
दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
अपने से भी ज्यादा जिस पर, कर सकते विश्वास।
स्मृति मात्र से जिसकी तिरता, अधरों पर मृदु हास।
अनगिन मित्रों की टोली में, मित्र वही है खास।
© सीमा अग्रवाल