Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2016 · 1 min read

दुश्मनों के नगर में,

दुश्मनों के नगर में घर रखना।
उसपे ऊँचा भी अपना सर रखना।।

में तो कैसे भी जाँ बचा लूँगा।
तू मगर इंतजाम कर रखना।।

हाँ मुक़ाबिल में तोपें आएँगी।
आप पत्थर से जेब भर रखना।।

दुश्मनों पर नज़र रहे लेकिन।
दोस्तों की भी कुछ ख़बर रखना।।

नोंच लेना क़बायें जिस्मों से।
और चादर मज़ार पर रखना।।

कर ना डाले अदब की रूह घायल।
तेरा ग़जलें इधर उधर रखना।।

——–√अशफ़ाक़ रशीद“

478 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कश्ती तो वही है तो क्या दरिया बदल गया
कश्ती तो वही है तो क्या दरिया बदल गया
Kanchan Gupta
अंतर
अंतर
Dr. Mahesh Kumawat
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
Pratibha Pandey
हंसना आसान मुस्कुराना कठिन लगता है
हंसना आसान मुस्कुराना कठिन लगता है
Manoj Mahato
हुआ है अच्छा ही, उनके लिए तो
हुआ है अच्छा ही, उनके लिए तो
gurudeenverma198
इक झलक देखी थी हमने वो अदा कुछ और है ।
इक झलक देखी थी हमने वो अदा कुछ और है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
कुछ तो कर गुजरने का
कुछ तो कर गुजरने का
दीपक बवेजा सरल
*सत्पथ पर यदि चलना है तो, अपमानों को सहना सीखो ( राधेश्यामी
*सत्पथ पर यदि चलना है तो, अपमानों को सहना सीखो ( राधेश्यामी
Ravi Prakash
जुल्म ढाते हैं बहुत वो ढाने वाले
जुल्म ढाते हैं बहुत वो ढाने वाले
VINOD CHAUHAN
फुर्सत
फुर्सत
Sudhir srivastava
आसान जिंदगी
आसान जिंदगी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं।
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं।
Manisha Manjari
रिश्तों का असंतुलन
रिश्तों का असंतुलन
manorath maharaj
गाय
गाय
Vedha Singh
"दिमाग"से बनाये हुए "रिश्ते" बाजार तक चलते है!
शेखर सिंह
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
Diwakar Mahto
सुबह, दोपहर, शाम,
सुबह, दोपहर, शाम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चोपाई छंद गीत
चोपाई छंद गीत
seema sharma
* तेरी आँखें *
* तेरी आँखें *
भूरचन्द जयपाल
समय
समय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फिर कैसे गीत सुनाऊंँ मैं?
फिर कैसे गीत सुनाऊंँ मैं?
दीपक झा रुद्रा
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
ओसमणी साहू 'ओश'
"मेहा राहगीर आँव"
Dr. Kishan tandon kranti
सिंदूर विवाह का प्रतीक हो सकता है
सिंदूर विवाह का प्रतीक हो सकता है
पूर्वार्थ
मेरी स्मृति...
मेरी स्मृति...
NAVNEET SINGH
मदिरा जब मतिभंग करे तो मदिरालय में जाते क्यों हो
मदिरा जब मतिभंग करे तो मदिरालय में जाते क्यों हो
अवध किशोर 'अवधू'
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
SUNIL kumar
रागी के दोहे
रागी के दोहे
राधेश्याम "रागी"
3033.*पूर्णिका*
3033.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ख़ुदा के पास होता है  …
ख़ुदा के पास होता है …
sushil sarna
Loading...