दुनिया में सब ही की तरह
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/bf5872fbdd73aa81c9ff12966b6712ab_3fdaad45dd90d5e865f789995085a997_600.jpg)
दुनिया में सब ही की तरह
शिकायतों का भी अपना दायरा है,
*
जब उससे बाहर आती है
अपनों की अजनबी बना देती है !!
—डी के निवातिया—
दुनिया में सब ही की तरह
शिकायतों का भी अपना दायरा है,
*
जब उससे बाहर आती है
अपनों की अजनबी बना देती है !!
—डी के निवातिया—