Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2023 · 1 min read

दिल है या दिल्ली?

जो बार-बार बसी!
जो बार-बार उजड़ी!!
समझ में नहीं आता
यह दिल है या दिल्ली!!
#सियासत #धर्म #मजहब
#राजनीति #सांंप्रदायिकता
#दंगा #फसाद #कट्टरता
#शायरी #कविता #Delhi
#brokenheart #politics

Language: Hindi
Tag: कविता
26 Views
You may also like:
मंजिले तड़प रहीं, मिलने को ए सिपाही
मंजिले तड़प रहीं, मिलने को ए सिपाही
Er.Navaneet R Shandily
इन्तेहा हो गयी
इन्तेहा हो गयी
shabina. Naaz
देखकर उन्हें देखते ही रह गए
देखकर उन्हें देखते ही रह गए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
माँ का एहसास
माँ का एहसास
Buddha Prakash
गीत
गीत
Shiva Awasthi
आदान-प्रदान
आदान-प्रदान
Ashwani Kumar Jaiswal
राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला निन्दाना(महम)
राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला निन्दाना(महम)
Satpallm1978 Chauhan
शायर हुआ हूं मैं
शायर हुआ हूं मैं
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
😊 आज की बात :-
😊 आज की बात :-
*Author प्रणय प्रभात*
माँ
माँ
विशाल शुक्ल
Writing Challenge- बुद्धिमत्ता (Intelligence)
Writing Challenge- बुद्धिमत्ता (Intelligence)
Sahityapedia
मौत से यारो किसकी यारी है
मौत से यारो किसकी यारी है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
रहमत का वसीला
रहमत का वसीला
Dr fauzia Naseem shad
सजनाँ बिदेशिया निठूर निर्मोहिया, अइले ना सजना बिदेशिया।
सजनाँ बिदेशिया निठूर निर्मोहिया, अइले ना सजना बिदेशिया।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आप इसे पढ़ें या न पढ़ें हम तो बस लिखते रहेंगे ! आप सुने ना सुन
आप इसे पढ़ें या न पढ़ें हम तो बस लिखते...
DrLakshman Jha Parimal
Li Be B
Li Be B
Ankita Patel
मृत्यु
मृत्यु
Anamika Singh
मेरे दिल की धड़कनों को बढ़ाते हो किस लिए।
मेरे दिल की धड़कनों को बढ़ाते हो किस लिए।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले...
umesh mehra
✍️वास्तव....
✍️वास्तव....
'अशांत' शेखर
शब्द वाणी
शब्द वाणी
Vijay kannauje
कबीर: एक नाकाम पैगम्बर
कबीर: एक नाकाम पैगम्बर
Shekhar Chandra Mitra
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
Shivkumar Bilagrami
✴️💢मेरे बढ़ते कदम ठहर से गए हैं💢✴️
✴️💢मेरे बढ़ते कदम ठहर से गए हैं💢✴️
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तितली थी मैं
तितली थी मैं
Saraswati Bajpai
तेरा ही नाम ले लेकर रोज़ इबादत करती हूँ,
तेरा ही नाम ले लेकर रोज़ इबादत करती हूँ,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
प्यार जताना न आया
प्यार जताना न आया
VINOD KUMAR CHAUHAN
आजकल मैं
आजकल मैं
gurudeenverma198
इतनी उदासी और न पक्षियों का घनेरा
इतनी उदासी और न पक्षियों का घनेरा
Charu Mitra
Loading...