दिल के टुकड़े

बिखरे दिल के टुकड़े, तरतीब में तू रख।
सभी दोस्त,तमाशबीनों को,रकीब में तू रख।
आसान नहीं होते कभी,दिल के फैसले,
मुमकिन हो तो हर सीख, नसीब में तू रख।
हिम्मत बहुत चाहिये जीतना है ग़र जीवन में
मां बाप की दुआएं, करीब में तू रख।
कितने लोगों को सुनायेगा, रोकर हाल ए दिल
उस खुदा को बस , हबीब में तू रख।
कोई नहीं आयेगा, जोड़ने टूटे दिल के टुकड़े
बस एक नर्म लहज़ा, तहजीब में तू रख।
सुरिंदर कौर