Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2023 · 1 min read

दाढ़ी-मूँछ धारी विशिष्ट देवता हैं विश्वकर्मा और ब्रह्मा

दढ़ियल-मूँछैल ब्रह्मा और उनके परपोते भगवान विश्वकर्मा के अलावा सारे मर्द देवता और ईश्वर बिना दाढ़ी-मूंछ के क्यों हैं? जबकि सफाचट होने के उस्तरा, ब्लेड, कैंची जैसे औजार तो तब न थे?

इन दोनों भगवानों का एक और कैरेक्टेरिस्टक स्पेशल है, हिन्दू देवी-देवताओं में संभवतः ये दो ही हुए हैं जो ख़ूब जीकर मरे, बुढ़ाकर स्वर्ग सिधारे!

यह शक इसलिए कि केवल इन दोनों की ही बुढ़ापा वाली पकी दाढ़ी, मूंछ और बाल वाली तस्वीरें और मूर्तियाँ मिलती हैं।

450 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr MusafiR BaithA
View all
You may also like:
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
Harminder Kaur
दुनिया रैन बसेरा है
दुनिया रैन बसेरा है
अरशद रसूल बदायूंनी
कविता
कविता
sushil sarna
"यही दुनिया है"
Dr. Kishan tandon kranti
उजाले को वही कीमत करेगा
उजाले को वही कीमत करेगा
पूर्वार्थ
फितरत के रंग
फितरत के रंग
प्रदीप कुमार गुप्ता
हटा लो नजरे तुम
हटा लो नजरे तुम
शेखर सिंह
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
Ankur Rawat
मान भी जाओ
मान भी जाओ
Mahesh Tiwari 'Ayan'
ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
Manisha Manjari
ग़ज़ल(चलो हम करें फिर मुहब्ब्त की बातें)
ग़ज़ल(चलो हम करें फिर मुहब्ब्त की बातें)
डॉक्टर रागिनी
*महाराज श्री अग्रसेन को, सौ-सौ बार प्रणाम है  【गीत】*
*महाराज श्री अग्रसेन को, सौ-सौ बार प्रणाम है 【गीत】*
Ravi Prakash
सकुनी ने ताउम्र, छल , कपट और षड़यंत्र रचा
सकुनी ने ताउम्र, छल , कपट और षड़यंत्र रचा
Sonam Puneet Dubey
अपने आंसुओं से इन रास्ते को सींचा था,
अपने आंसुओं से इन रास्ते को सींचा था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
■ दोमुंहा-सांप।।
■ दोमुंहा-सांप।।
*प्रणय प्रभात*
सम्मान
सम्मान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नारी के हर रूप को
नारी के हर रूप को
Dr fauzia Naseem shad
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा,
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा,
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
ये सूरज के तेवर सिखाते हैं कि,,
ये सूरज के तेवर सिखाते हैं कि,,
Shweta Soni
दीवारें ऊँचीं हुईं, आँगन पर वीरान ।
दीवारें ऊँचीं हुईं, आँगन पर वीरान ।
Arvind trivedi
आज जिंदगी को प्रपोज़ किया और कहा -
आज जिंदगी को प्रपोज़ किया और कहा -
सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्रेम 💌💌💕♥️
प्रेम 💌💌💕♥️
डॉ० रोहित कौशिक
सच हमारे जीवन के नक्षत्र होते हैं।
सच हमारे जीवन के नक्षत्र होते हैं।
Neeraj Agarwal
122 122 122 12
122 122 122 12
SZUBAIR KHAN KHAN
पन्द्रह अगस्त का दिन कहता आजादी अभी अधूरी है ।।
पन्द्रह अगस्त का दिन कहता आजादी अभी अधूरी है ।।
Kailash singh
जागो रे बीएलओ
जागो रे बीएलओ
gurudeenverma198
समय के पहिए पर कुछ नए आयाम छोड़ते है,
समय के पहिए पर कुछ नए आयाम छोड़ते है,
manjula chauhan
डीएनए की गवाही
डीएनए की गवाही
अभिनव अदम्य
23/161.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/161.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
कवि दीपक बवेजा
Loading...