Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2017 · 1 min read

दर्द भरा गीत

दर्द भरा नग़मा
:
बहुत गहरा है ये दरिया इसे तुम पार मत करना
मुहब्बत हो भी जाये तो कभी इज़हार मत करना
:
कोई मजनू बना देगा कोई राँझा बना देगा
कोई तो दिल से खेलेगा तो कोई जान ले लेगा
किसी भी हुस्न वाले पर कभी एतबार मत करना
मुहब्बत हो भी जाये तो कभी इज़हार मत करना
:
लिखा जाये जो अफ़साना तो मेरा नाम लिख देना
मुहब्बत मे हुवा मै भी बहुत बदनाम लिख देना
जो ज़िक्रे बे वफ़ा हो तो ये मेरा मशवरा सुन लो
किताबे बे वफ़ाई मे तुम उसका नाम लिख देना
भरोसा बे वफ़ाओं पे कभी ऐ यार मत करना
मुहब्बत हो भी जाये तो कभी इज़हार मत करना
:
वो इक दिन टूट जायेंगें जो तू सपने सँजोयेगा
ये तूफां इश्क़ का इक दिन तिरी क़श्ती डुबोयेगा
नहीं जो आज ये समझा वो इक दिन खुद ही रोयेगा
मुहब्बत प्यार में अश्क़ों कि वो लड़ियां पिरोयेगा
लगा के दिल किसी से जीना तुम दुश्वार मत करना
मुहब्बत हो भी जाये तो कभी इज़हार मत करना
:
यहां तड़पा हूं जैसे मै कोई तड़पा नहीं होगा
कि मंज़िल सामने होगी मगर रस्ता नहीं होगा
नज़र आती नहीं खुशियां फ़क़त ये ग़म क मेला है
हुवा बर्बाद वो आख़िर ये जिसने खेल खेला है
ये मेरी इल्तिज़ा है तुम किसी से प्यार मत करना
मुहब्बत हो भी जाये तो कभी इज़हार मत करना
:
आमिर क़मर सन्दीलवी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 756 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अमृता प्रीतम
अमृता प्रीतम
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम
प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गुस्सा दिलाकर ,
गुस्सा दिलाकर ,
Umender kumar
आप क्या समझते है जनाब
आप क्या समझते है जनाब
शेखर सिंह
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही  दुहराता हूँ,  फिरभ
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही दुहराता हूँ, फिरभ
DrLakshman Jha Parimal
चंद्रकक्षा में भेज रहें हैं।
चंद्रकक्षा में भेज रहें हैं।
Aruna Dogra Sharma
प्रभु के प्रति रहें कृतज्ञ
प्रभु के प्रति रहें कृतज्ञ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
वक्त वक्त की बात है ,
वक्त वक्त की बात है ,
Yogendra Chaturwedi
गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
Chahat
*सीमा की जो कर रहे, रक्षा उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*सीमा की जो कर रहे, रक्षा उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
Lokesh Sharma
नैया फसी मैया है बीच भवर
नैया फसी मैया है बीच भवर
Basant Bhagawan Roy
रात
रात
sushil sarna
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं,
ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
sudhir kumar
फितरत इंसान की....
फितरत इंसान की....
Tarun Singh Pawar
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
कवि रमेशराज
बिटिया  घर  की  ससुराल  चली, मन  में सब संशय पाल रहे।
बिटिया घर की ससुराल चली, मन में सब संशय पाल रहे।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
डॉ. दीपक मेवाती
"अजीब दस्तूर"
Dr. Kishan tandon kranti
बाल कविता: मुन्नी की मटकी
बाल कविता: मुन्नी की मटकी
Rajesh Kumar Arjun
******गणेश-चतुर्थी*******
******गणेश-चतुर्थी*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*शुभ रात्रि हो सबकी*
*शुभ रात्रि हो सबकी*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जीवन
जीवन
Bodhisatva kastooriya
भूल जा वह जो कल किया
भूल जा वह जो कल किया
gurudeenverma198
मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ
मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ
Shweta Soni
सड़कों पर दौड़ रही है मोटर साइकिलें, अनगिनत कार।
सड़कों पर दौड़ रही है मोटर साइकिलें, अनगिनत कार।
Tushar Jagawat
जमाने के रंगों में मैं अब यूॅ॑ ढ़लने लगा हूॅ॑
जमाने के रंगों में मैं अब यूॅ॑ ढ़लने लगा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
Loading...