तू भी धक्के खा, हे मुसाफिर ! ,
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तू भी धक्के खा, हे मुसाफिर ! ,
उसी दुनिया में तू भी आया है,
जाने कितनों ने चमकायें है सितारें यहाँ,
तेरा सितारा भी ठीक वैसे ही चमक जाएगा।
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।
तू भी धक्के खा, हे मुसाफिर ! ,
उसी दुनिया में तू भी आया है,
जाने कितनों ने चमकायें है सितारें यहाँ,
तेरा सितारा भी ठीक वैसे ही चमक जाएगा।
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।