Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2016 · 1 min read

तू बरस इतना बरस कि……..

बदली भी बदल गयी
काली घटा देख
बादल में,
कही फट चली
बोझ से….
तबाही का मंजर देकर,
कही बरस पड़ी
अन्न दाता की झोली में
खुशियों की सौगात देकर,
कही बरस गयी तू दूर
महबूब के आँगन में
बिछड़े आँसू बनकर,
कही बरस गयी सावन में
प्रेमी मिलन संग
गीत-संगीत बनकर,
तू बरस इतना बरस
क़ि धुल जाये धरती से
*नफरत का किचड़,
तू बरस इतना बरस
कि बुझ जाये आग
दिलो की***
बस तेरा अहसास शीतलता सा
ठहर जाये,
तपती दुनियां के
तपते गर्म दिमाग के
हम इंसानो में…

^^^^^दिनेश शर्मा^^^^^

Language: Hindi
2 Comments · 494 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जीवन
जीवन
नन्दलाल सुथार "राही"
तुम
तुम
Er Sanjay Shrivastava
कभी-कभी वक़्त की करवट आपको अचंभित कर जाती है.......चाहे उस क
कभी-कभी वक़्त की करवट आपको अचंभित कर जाती है.......चाहे उस क
Seema Verma
उजालों में अंधेरों में, तेरा बस साथ चाहता हूँ
उजालों में अंधेरों में, तेरा बस साथ चाहता हूँ
डॉ. दीपक मेवाती
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
इतना घुमाया मुझे
इतना घुमाया मुझे
कवि दीपक बवेजा
खप-खप मरता आमजन
खप-खप मरता आमजन
विनोद सिल्ला
विवाद और मतभेद
विवाद और मतभेद
Shyam Sundar Subramanian
💐कई बार देखकर भी एक बार देखा💐
💐कई बार देखकर भी एक बार देखा💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दानी
दानी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
निगल रही
निगल रही
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
भगवान श्री परशुराम जयंती
भगवान श्री परशुराम जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मानव तेरी जय
मानव तेरी जय
Sandeep Pande
झूम रही है मंजरी , देखो अमुआ डाल ।
झूम रही है मंजरी , देखो अमुआ डाल ।
Rita Singh
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Sakshi Tripathi
तूफां से लड़ता वही
तूफां से लड़ता वही
Satish Srijan
हिन्दी हाइकु
हिन्दी हाइकु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नवगीत
नवगीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रंग हरा सावन का
रंग हरा सावन का
श्री रमण 'श्रीपद्'
Mohabbat
Mohabbat
AMBAR KUMAR
चलो अब बुद्ध धाम दिखाए ।
चलो अब बुद्ध धाम दिखाए ।
Buddha Prakash
"सब्र का इम्तिहान लेता है।
*Author प्रणय प्रभात*
🌹मां ममता की पोटली
🌹मां ममता की पोटली
Pt. Brajesh Kumar Nayak
नरभक्षी_गिद्ध
नरभक्षी_गिद्ध
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आजादी का दीवाना था
आजादी का दीवाना था
Vishnu Prasad 'panchotiya'
गुलदस्ता नहीं
गुलदस्ता नहीं
Mahendra Narayan
खुदी में मगन हूँ, दिले-शाद हूँ मैं
खुदी में मगन हूँ, दिले-शाद हूँ मैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
फिर मिलेंगे
फिर मिलेंगे
साहित्य गौरव
सुकरात के शागिर्द
सुकरात के शागिर्द
Shekhar Chandra Mitra
Loading...