तुम्हारी यादों में सो जाऊं

तुम्हारी यादों में सो जाऊं
मानो रात दिन होता ही नहीं
तुम्हें क्या कहूँ यही सोचता रहता हूंँ मैं
तुम्हें कहना पूछना और बताना था कुछ
पर पहले की तरह
हमारी और तुम्हारी बातें जो नहीं होती।।
✍️RAJA KUMAR ‘CHOURASIA’
FROM BAKHRI, BEGUSARAI