तुमसे ज्यादा और किसको, यहाँ प्यार हम करेंगे
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तुमसे ज्यादा और किसको, यहाँ प्यार हम करेंगे।
तुम्हारे सिवा और किसको, यहाँ याद हम करेंगे।।
तुमसे ज्यादा और किसको——————।।
ख्याल और किसी का,आता नहीं है दिल में।
तेरा ही चेहरा बसा है, इन आँखों और दिल में।।
चाहेगा हमको कोई अगर, बात मगर तेरी हम करेंगे।
तुमसे ज्यादा और किसको—————–।।
देखों तुम इन खतों को, इनमें किया है जिक्र किसका।
यह जो चमन महका है, दिया है इसको नाम किसका।।
देखना तुम कभी भी, तुझमें ही खोये हम मिलेंगे।
तुमसे ज्यादा और किसको—————–।।
दोस्त तुम खुशनसीब हो, दिल ने चाहा है तुमको।
अपनी खुशी और सपनें, सिर्फ बनाया है तुमको।।
अपनी वसीहत में सब कुछ, तेरे ही नाम हम करेंगे।
तुमसे ज्यादा और किसको——————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)