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9 Nov 2022 · 1 min read

तुमको पाकर जानें हम अधूरे क्यों हैं

ख़्वाहिश झूठी ख्वाब अधूरे क्यों हैं
तुमको पाकर जानें हम अधूरे क्यों हैं

तुमसे मिलकर भी अजनबी हैं हुए
मेरे हमराज मेरे हमदम अधूरे क्यों हैं

नहीं सजती मेरे दिल की महफिल
दिल के ये साज सनम अधूरे क्यों हैं

हम कहाँ जाँए हमको हँसाने वाले
मेरी हँसी की कसम हम अधूरे क्यों हैं

‘विनोद’ बता दे जरा खता हमको
तुझमें खोकर भी हम अधूरे क्यों हैं

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