जिंदगी भी एक सांसों का रैन बसेरा है
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
राह नहीं मंजिल नहीं बस अनजाना सफर है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
राष्ट्रपिता
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*चलो खरीदें कोई पुस्तक, फिर उसको पढ़ते हैं (गीत)*
कुछ समझ में ही नहीं आता कि मैं अब क्या करूँ ।
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
गणेश जी का हैप्पी बर्थ डे
परिवर्तन चाहिए तो प्रतिवर्ष शास्त्रार्थ कराया जाए
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
बड़बोले बढ़-बढ़ कहें, झूठी-सच्ची बात।
*जिंदगी मुझ पे तू एक अहसान कर*
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
सपने का सफर और संघर्ष आपकी मैटेरियल process and अच्छे resou