Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2022 · 1 min read

तंग नजरिए

खतम कर दो

ये ग़ीबतों की महफिले

ये

तांग नज़रिये

ये बदगुमानिया

हर एक इंसान को लाजिम
है

अपनी जगाह

अपना …. फर्ज़

निभाये…………शबीनाजी

Language: Hindi
78 Views

Books from shabina. Naaz

You may also like:
शांत सा जीवन
शांत सा जीवन
Dr fauzia Naseem shad
//स्वागत है:२०२२//
//स्वागत है:२०२२//
Prabhudayal Raniwal
लोग समझते क्यों नही ?
लोग समझते क्यों नही ?
पीयूष धामी
चलो चलो तुम अयोध्या चलो
चलो चलो तुम अयोध्या चलो
gurudeenverma198
टूटा हुआ दिल
टूटा हुआ दिल
Anamika Singh
हिन्दी हमारी शान है, हिन्दी हमारा मान है।
हिन्दी हमारी शान है, हिन्दी हमारा मान है।
Dushyant Kumar
पंछी ने एक दिन उड़ जाना है
पंछी ने एक दिन उड़ जाना है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
महंगाई का दंश
महंगाई का दंश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
माँ आई
माँ आई
Kavita Chouhan
💐प्रेम कौतुक-161💐
💐प्रेम कौतुक-161💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सांप्रदायिक राजनीति
सांप्रदायिक राजनीति
Shekhar Chandra Mitra
अंधेरों में मुझे धकेलकर छीन ली रौशनी मेरी,
अंधेरों में मुझे धकेलकर छीन ली रौशनी मेरी,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
*ट्रस्टीशिप-उपहार है (गीत)*
*ट्रस्टीशिप-उपहार है (गीत)*
Ravi Prakash
दर्द तन्हाई मुहब्बत जो भी हो भरपूर होना चाहिए।
दर्द तन्हाई मुहब्बत जो भी हो भरपूर होना चाहिए।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
रावण दहन
रावण दहन
Ashish Kumar
बेटियाँ
बेटियाँ
विजय कुमार अग्रवाल
प्यार -ए- इतिहास
प्यार -ए- इतिहास
Nishant prakhar
गीत हरदम प्रेम का सदा गुनगुनाते रहें
गीत हरदम प्रेम का सदा गुनगुनाते रहें
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इश्क में खुद को ही बीमार किया है तुमने।
इश्क में खुद को ही बीमार किया है तुमने।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
✍️दरबदर भटकते रहा..
✍️दरबदर भटकते रहा..
'अशांत' शेखर
सुबह -सुबह
सुबह -सुबह
gpoddarmkg
तू है ना'।।
तू है ना'।।
Seema 'Tu hai na'
■ आज का रोचक शोध
■ आज का रोचक शोध
*Author प्रणय प्रभात*
मैं उसी पल मर जाऊंगा
मैं उसी पल मर जाऊंगा
श्याम सिंह बिष्ट
💞 रंगोत्सव की शुभकामनाएं 💞
💞 रंगोत्सव की शुभकामनाएं 💞
Dr Manju Saini
अपने आप को ही सदा श्रेष्ठ व कर्मठ ना समझें , आपकी श्रेष्ठता
अपने आप को ही सदा श्रेष्ठ व कर्मठ ना समझें...
Seema Verma
माँ (ममता की अनुवाद रही)
माँ (ममता की अनुवाद रही)
Vijay kumar Pandey
दुनिया में लोग अब कुछ अच्छा नहीं करते
दुनिया में लोग अब कुछ अच्छा नहीं करते
shabina. Naaz
" रुढ़िवादिता की सोच"
Dr Meenu Poonia
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...