तंग नजरिए

खतम कर दो
ये ग़ीबतों की महफिले
ये
तांग नज़रिये
ये बदगुमानिया
हर एक इंसान को लाजिम
है
अपनी जगाह
अपना …. फर्ज़
निभाये…………शबीनाजी
खतम कर दो
ये ग़ीबतों की महफिले
ये
तांग नज़रिये
ये बदगुमानिया
हर एक इंसान को लाजिम
है
अपनी जगाह
अपना …. फर्ज़
निभाये…………शबीनाजी