ढोलकों की थाप पर फगुहा सुनाई दे रहे।
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मुक्तक
ढोलकों की थाप पर फगुहा सुनाई दे रहे।
भंग में बहके हुए भंवरें गवाही दे रहे।
आ गई होली यही अहसास सबको हो रहा।
आसमां में रंग होली के दिखाई दे रहे।
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी
मुक्तक
ढोलकों की थाप पर फगुहा सुनाई दे रहे।
भंग में बहके हुए भंवरें गवाही दे रहे।
आ गई होली यही अहसास सबको हो रहा।
आसमां में रंग होली के दिखाई दे रहे।
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी