जो धधक रहे हैं ,दिन – रात मेहनत की आग में
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जो धधक रहे हैं ,दिन – रात मेहनत की आग में
एक दिन जरूर आएगा बहार उनके भी बाग़ में
अभी सबको कड़वा लग रहा है,मेरा हर लफ्ज़
किसी दिन आ जायेगा मिठास मेरे भी राग में
क्यूं घबराया जाए जीवन में असफलताओं से
समय आने पर मिल जाएगा जो है मेरे भाग में
– केशव