जुदाई की शाम
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/6de1e65b8dad38d70f0da2cdcd7a0680_b0013e5661a957694ca6a4dee774d72e_600.jpg)
वह जैसे ही मुझसे-जुदा हुए थे
मेरे लिए तो मानो-ख़ुदा हुए थे…
(१)
शेरों और नज़्मों में ढलने लगे
वे सारे अरमान जो-फ़ना हुए थे…
(२)
मेरी कश्ती में छेद की उन्हीं ने
जो बड़े शौक़ से नाखुदा हुए थे…
(३)
क़ातिल के साथ उन्हें देखकर
मेरे सभी ज़ख्म ला-दवा हुए थे…
(४)
मांगा था जिन्हें दुआओं में मैंने
वही सबसे बड़ी बद-दुआ हुए थे…
(५)
ज़िंदगी ही एक सज़ा बन गई
जबसे वह मुझसे बेवफ़ा हुए थे…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#SadSong #सैड_सांग #गजल
#जुदाई_की_शाम #उदास #कसक
#टीस #हूक #वेदना #तड़प #आंसू
#यादें #आह #आशिक #शायर #दर्द