Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Dec 2020 · 1 min read

जीभ/जिह्वा

जिह्वा पर माँ शारदे, लब पर बसें गणेश ।
हर-पल शुभ-शुभ बोलिये,मिलता शुभ संदेश ।। १

मृदुल वचन रसना सरस,जीवन का श्रृंगार।
जीत जीभ को लीजिए, हो उत्तम व्यवहार।। २

फसें स्वाद के जाल में, खाते छप्पन भोग ।
रखें नियंत्रण जीभ पर, रहना अगर निरोग।। ३

जीभ जन्म से ही मिले, दाँत जन्म के बाद।
दाँत टूट जाते मगर, जिह्वा देती स्वाद।। ४

दाँत चबाते हैं मगर, जिह्वा पाती स्वाद।
पता चला है स्वाद का, चख लेने के बाद।। ५

बेलगाम जो जीभ है, वो विषधर तलवार।
घाव बहुत गहरा करे, जब भी करती वार।। ६

नर्म लचीली जीभ है, होते दाँत कठोर।
जीभ उमर भर साथ दे, गये दाँत सब छोड़।। ७

जिससे हो सबका भला, सदा करो वो कर्म।
कभी न कटुता धोलना,रखना जिह्वा नर्म ।। ८
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 1168 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

*आसमाँ से धरा तक मिला है चमन*
*आसमाँ से धरा तक मिला है चमन*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दो गज असल जमीन
दो गज असल जमीन
RAMESH SHARMA
शहीदों का बलिदान
शहीदों का बलिदान
Sudhir srivastava
"हार-जीत"
Dr. Kishan tandon kranti
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
कवि रमेशराज
संयुक्त कुटुंब पद्धती-दुख का दरिया (वाद विवाद प्रतियोगिता)
संयुक्त कुटुंब पद्धती-दुख का दरिया (वाद विवाद प्रतियोगिता)
Kanchan Alok Malu
जिस्म का ऐश्वर्य का गुलाब का चाय का सिगरेट का ड्रग्स का शराब
जिस्म का ऐश्वर्य का गुलाब का चाय का सिगरेट का ड्रग्स का शराब
Rj Anand Prajapati
🙅पहचान🙅
🙅पहचान🙅
*प्रणय*
जबकि ख़ाली हाथ जाना है सभी को एक दिन,
जबकि ख़ाली हाथ जाना है सभी को एक दिन,
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
चांद सूरज भी अपने उजालों पर ख़ूब इतराते हैं,
चांद सूरज भी अपने उजालों पर ख़ूब इतराते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
- तुम्हारे मेरे प्रेम की पंक्तियां -
- तुम्हारे मेरे प्रेम की पंक्तियां -
bharat gehlot
****गणेश पधारे****
****गणेश पधारे****
Kavita Chouhan
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
यूं  बड़े-बड़े ख्वाब
यूं बड़े-बड़े ख्वाब
Chitra Bisht
Yes some traumas are real.... time flies...everything change
Yes some traumas are real.... time flies...everything change
Ritesh Deo
बदलते रिश्ते
बदलते रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
वेलेंटाइन डे
वेलेंटाइन डे
Surinder blackpen
ज़िन्दगी! कांई कैवूं
ज़िन्दगी! कांई कैवूं
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
सुख दुख के साथी
सुख दुख के साथी
Annu Gurjar
बेज़ुबान पहचान ...
बेज़ुबान पहचान ...
sushil sarna
पत्रिका प्रभु श्री राम की
पत्रिका प्रभु श्री राम की
इंजी. संजय श्रीवास्तव
दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब  एक ही वंश के हैं फिर भी सब की
दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब एक ही वंश के हैं फिर भी सब की
ललकार भारद्वाज
शिव शिव की टेर
शिव शिव की टेर
Santosh kumar Miri
उन व्यक्तियों का ही नाम
उन व्यक्तियों का ही नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
एहसास तो है खता का पर,
एहसास तो है खता का पर,
श्याम सांवरा
#नवांकुर#
#नवांकुर#
Madhavi Srivastava
अम्बर में लटके शब्द
अम्बर में लटके शब्द
Kapil Kumar Gurjar
संस्कारों का चोला जबरजस्ती पहना नहीं जा सकता है यह
संस्कारों का चोला जबरजस्ती पहना नहीं जा सकता है यह
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
बस पल रहे है, परवरिश कहाँ है?
बस पल रहे है, परवरिश कहाँ है?
पूर्वार्थ
2642.पूर्णिका
2642.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...