जाते निर्धन भी धनी, जग से साहूकार (कुंडलियां)
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जाते निर्धन भी धनी, जग से साहूकार (कुंडलियां)
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जाते निर्धन भी धनी, जग से साहूकार
राजपुरुष राजा गए ,दुनिया के सरदार
दुनिया के सरदार , अकेले जग से जाते
कौन बंगला कार, साथ कब ले जा पाते
दुनिया की है रीति , सभी मरघट पर आते
मरण किसी का आज, लोग कुछ पीछे जाते
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451