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6 Aug 2016 · 1 min read

जहाँ वजूद नही तेरा

खुशबु तेरी के लिये ही तो तरसता हूँ मै
जहाँ वजूद नही तेरा कहाँ बरसता हूँ मै
*****************************
होती हो तस्व्वुर में तन्हाई में भी हँसता हूँ
तू नही तो महफ़िल में भी कहाँ हँसता हूँ मै
*****************************
कपिल कुमार
06/08/2016

Language: Hindi
378 Views
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