जयबालाजी:: : निष्कामी हो पूर्ण शॉति मन यन्त्र योग का :: जितेन्द्रकमल आनंद ( ३९)
निष्कामी हो पूर्ण शांत मन यंत्र योग का बन जाता ।
करे राम का दर्शन भावन योगी बनकर हर्षाता ।
मिले तन्त्र तन का यदि सम्बल| तो मृदु उर वीणा वाला
हो जाता झंकृत आनंदित , मंत्र गान कर ,” जयबाला”!
—–+ जितेन्द्र कमल आनंद