Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2016 · 1 min read

जयबालाजी:: : निष्कामी हो पूर्ण शॉति मन यन्त्र योग का :: जितेन्द्रकमल आनंद ( ३९)

निष्कामी हो पूर्ण शांत मन यंत्र योग का बन जाता ।
करे राम का दर्शन भावन योगी बनकर हर्षाता ।
मिले तन्त्र तन का यदि सम्बल| तो मृदु उर वीणा वाला
हो जाता झंकृत आनंदित , मंत्र गान कर ,” जयबाला”!

—–+ जितेन्द्र कमल आनंद

Language: Hindi
219 Views

You may also like these posts

#एक_ही_तमन्ना
#एक_ही_तमन्ना
*प्रणय*
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
" बस तुम्हें ही सोचूँ "
Pushpraj Anant
*खिलवाओ दावत अगर, छप्पन भोगों संग (हास्य कुंडलिया)*
*खिलवाओ दावत अगर, छप्पन भोगों संग (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
कुछ कहना था - बिंदेश कुमार झा
कुछ कहना था - बिंदेश कुमार झा
Mr. Jha
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बच्चे मन के सच्चे
बच्चे मन के सच्चे
Savitri Dhayal
Umbrella
Umbrella
अनिल मिश्र
दोहा
दोहा
Suryakant Dwivedi
राष्ट्र निर्माता गुरु
राष्ट्र निर्माता गुरु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रात  जागती  है रात  भर।
रात जागती है रात भर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अंजाम-ऐ-मुहब्बत - डी के निवातिया
अंजाम-ऐ-मुहब्बत - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
सबसे बड़ा झूठ
सबसे बड़ा झूठ
Sudhir srivastava
तुम्हारे दिल में इक आशियाना खरीदा है,
तुम्हारे दिल में इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्या हैं पैसा ?
क्या हैं पैसा ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
मुफ्त का चंदन
मुफ्त का चंदन
Nitin Kulkarni
दूर क्षितिज तक जाना है
दूर क्षितिज तक जाना है
Neerja Sharma
- दिल से जुड़ा रास्ता -
- दिल से जुड़ा रास्ता -
bharat gehlot
लौकिक से अलौकिक तक!
लौकिक से अलौकिक तक!
Jaikrishan Uniyal
दीपावली
दीपावली
Deepali Kalra
रिश्ता तुझसे मेरा तभी टूटे,
रिश्ता तुझसे मेरा तभी टूटे,
Dr fauzia Naseem shad
" तासीर "
Dr. Kishan tandon kranti
आज मैंने पिताजी को बहुत करीब से देखा इतना करीब से कि उनके आं
आज मैंने पिताजी को बहुत करीब से देखा इतना करीब से कि उनके आं
पूर्वार्थ
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
कितने अकेले हो गए हैं हम साथ रह कर
कितने अकेले हो गए हैं हम साथ रह कर
Saumyakashi
🌹जिन्दगी🌹
🌹जिन्दगी🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
दान किसे
दान किसे
Sanjay ' शून्य'
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
Manisha Manjari
Loading...