जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/16a68fccd2c034bca97415c58721a3dc_875ff3799685fbf7975706b500d339dc_600.jpg)
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
नम होगे नयन मेरे ,आंखे भर आयेगी
तुझे दर्द न देगे हम ,सब कुछ सह लेंगे हम
ये रब मेरी अर्ज सुनो,उसको न तू देना गम
जब पास वो आयेगी, थोड़ी सरमाएगी
नम होगे नयन मेरे ,आंखे भर आयेगी
कभी रोने न देगे , कुछ होने न देगे
तुझे दर्द न देंगे कभी,भले को मिटा देगे
तेरे वादे तेरी कसमें,वो दुनिया की रस्में
जब जब तड़पाएगी आंखे भर आयेगी
मैंने गलती अगर की हो ,उसकी तू सजा देना
टुकड़ा दे या अपना ले मुझे कुछ तो दुआ देना
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
नम होगे नयन मेरे ,आंखे भर आयेगी
कृष्णकांत गुर्जर