Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2023 · 2 min read

जब निहत्था हुआ कर्ण

दोनों ओर ही मची है अभी घोर ताना तानी
कोई ना किसी से कम अपनी है मनमानी
आज कुरुक्षेत्र भी एक नया इतिहास रचेगा
शायद इन दोनों में से ही नहीं कोई बचेगा

दोनों को ही पूरा घमंड है अपने बल का
पर विधाता ने गढ़ा आज का दिन छल का
कर्ण को क्या मालूम रथ का पहिया फंसेगा
नागसेन अर्जुन को क्या काल उसे डंसेगा

आशंकित मन है कर्ण का रथ से उतरकर
धंसे पहिये को निकालने के पीछे पड़ा है
और उनके सामने एक और कुंती पुत्र ही
सारथी कृष्ण के संग तीर ताने खड़ा है

हे अर्जुन तुमको ही नहीं मुझे भी तुमसे
आज ही इसी रणभूमि में युद्ध करना है
और याद रख लो मैंने भी ये प्रण लिया है
मेरे ही हाथों से रणभूमि में तुम्हें मरना है

किसी युद्ध का कहाॅं रहा है कभी यह धर्म
किसी निहत्थे शत्रु पर वार करना है अधर्म
मेरे रथ के फॅंसे पहिये को तो निकलने दो
मुझे भी तुम थोड़ा बहुत तो संभलने दो

बस अब कुछ पल की ही तो बात है
व्यर्थ में बिना अर्थ तुम हुंकार न भर
निहत्थे पड़े हुए किसी भी योद्धा पर
नासमझ बनकर अस्त्रों से वार न कर

जब तुम्हारे अपने प्राण पर बन आया
तो अब धर्म और अधर्म की बात करते हो
खुल कर ये क्यों नहीं कहते हो कर्ण कि
तुम अपने प्राण के अंत को देख डरते हो

उस समय तुम्हारा युद्ध धर्म कहाॅं गया था
जब निहत्थे अभिमन्यु पर वार किया था
सभी कायर योद्धाओं ने साथ मिलकर
उन्हें चारों ओर से घेर कर मार दिया था

जब रजस्वला नारी का बाल खींच कर
दुष्ट दु:शासन उसे भरी सभा में लाया था
खुली ऑंखों से नहीं देख सकने वाला
कहर सबके सामने उस पर ढ़ाया था

उस दिन उस घड़ी उस भरी राजसभा में
निर्ल्लज्ज की भांति मौन क्यों तुम पड़े थे
इस बात का कहीं कोई भी विरोध न कर
सभी पापी कौरवों के साथ तुम खड़े थे

आज अभी अचानक इस विकट घड़ी में
जब स्वयं तुम्हारी जान पर बन आई है
तो तुम्हारे मन में मृत्यु से भय के कारण
अचानक धर्म अधर्म की बात आई है

समय गंवाकर अब देर मत करो पार्थ
इनके व्यर्थ की बातों पर मत जाओ
चुपचाप अपनी ऑंखों को बंद कर
तुम इन पर सीधे अपनी बाण चलाओ

कृष्ण द्वारा अभी कही गई सारी बातें
अर्जून के क्रोध का ताप को बढ़ा रहा था
अर्जुन भी अब फिर से अपने धनुष पर
युद्ध का निर्णायक बाण चढ़ा रहा था

आज तो रण में सामने योद्धा था बड़ा
पर दुर्भाग्य से निहत्था बनकर था खड़ा
लाचार बनकर झेलेगा अर्जुन का प्रहार
ऑंखें बंद कर करेगा अंत को स्वीकार

Language: Hindi
3 Likes · 194 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Paras Nath Jha
View all
You may also like:
"दीप जले"
Shashi kala vyas
उसके कहने पे दावा लिया करता था
उसके कहने पे दावा लिया करता था
Keshav kishor Kumar
ये विश्वकप विराट कोहली के धैर्य और जिम्मेदारियों का है।
ये विश्वकप विराट कोहली के धैर्य और जिम्मेदारियों का है।
Rj Anand Prajapati
विषय तरंग
विषय तरंग
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कहां गयी वो हयादार लड़कियां
कहां गयी वो हयादार लड़कियां
shabina. Naaz
बहता पानी
बहता पानी
साहिल
काहे का अभिमान
काहे का अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
संसार एक जाल
संसार एक जाल
Mukesh Kumar Sonkar
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
Dr. Man Mohan Krishna
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
सब्र करते करते
सब्र करते करते
Surinder blackpen
" आज़ का आदमी "
Chunnu Lal Gupta
💫समय की वेदना💫
💫समय की वेदना💫
SPK Sachin Lodhi
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
संवेग बने मरणासन्न
संवेग बने मरणासन्न
प्रेमदास वसु सुरेखा
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
आप से दर्दे जुबानी क्या कहें।
आप से दर्दे जुबानी क्या कहें।
सत्य कुमार प्रेमी
इक सांस तेरी, इक सांस मेरी,
इक सांस तेरी, इक सांस मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
Neeraj Agarwal
संसार में सबसे
संसार में सबसे "सच्ची" वो दो औरतें हैं, जो टीव्ही पर ख़ुद क़ुब
*प्रणय प्रभात*
24/01.*प्रगीत*
24/01.*प्रगीत*
Dr.Khedu Bharti
भौतिकता
भौतिकता
लक्ष्मी सिंह
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
स्त्री
स्त्री
Dr fauzia Naseem shad
नकारात्मक लोगो से हमेशा दूर रहना चाहिए
नकारात्मक लोगो से हमेशा दूर रहना चाहिए
शेखर सिंह
राम से बड़ा राम का नाम
राम से बड़ा राम का नाम
Anil chobisa
जहरीले और चाटुकार  ख़बर नवीस
जहरीले और चाटुकार ख़बर नवीस
Atul "Krishn"
आस्था होने लगी अंधी है
आस्था होने लगी अंधी है
पूर्वार्थ
एतबार इस जमाने में अब आसान नहीं रहा,
एतबार इस जमाने में अब आसान नहीं रहा,
manjula chauhan
"आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...