Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2022 · 1 min read

जनतंत्र में

जनतंत्र में, जनता का ही राज होता है।
जनता द्वारा ही, सिर पे ताज होता है।।
जनतंत्र में —————————।।

जनतंत्र विरोधी, जब होता है शासक।
बदल देती है तब, जनता वह शासक।।
जब शासक पे, जनता को नाज होता है।
जनता द्वारा, उसके सिर पे ताज होता है।।
जनतंत्र में ————————-।।

सभी शासक आदर करें, जनतंत्र का।
नहीं अपमान करें कभी, जनतंत्र का।।
जब जनादेश से, सारा काज होता है।
तब जनता का ही , सच राज होता है।।
जनतंत्र में —————————–।।

रहे जिंदा जनतंत्र , अपने देश में।
होगा जनता का राज, तब देश में।।
जनतंत्र जनता की, आवाज होता है।
जनतंत्र में जनता का, ताज होता है।।
जनतंत्र में —————————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार –
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
56 Views
You may also like:
#गणतंत्र दिवस#
#गणतंत्र दिवस#
rubichetanshukla रुबी चेतन शुक्ला
अपनी है, फिर भी पराई है बेटियां
अपनी है, फिर भी पराई है बेटियां
Seema 'Tu hai na'
*सरदार पटेल का सपना अभी अधूरा है*
*सरदार पटेल का सपना अभी अधूरा है*
Ravi Prakash
तुम क्या जानो
तुम क्या जानो"
Satish Srijan
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
जस का तस / (नवगीत)
जस का तस / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कब किसके पूरे हुए,  बिना संघर्ष ख्वाब।
कब किसके पूरे हुए, बिना संघर्ष ख्वाब।
जगदीश लववंशी
अंतर्मन
अंतर्मन
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
माना तुम्हारे मुकाबिल नहीं मैं ...
माना तुम्हारे मुकाबिल नहीं मैं ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
😊ख़ुद के हवाले से....
😊ख़ुद के हवाले से....
*Author प्रणय प्रभात*
वक्त के साथ सब कुछ बदल जाता है...
वक्त के साथ सब कुछ बदल जाता है...
Ram Babu Mandal
प्रणय 4
प्रणय 4
Ankita Patel
गीता के स्वर (1) कशमकश
गीता के स्वर (1) कशमकश
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
💐प्रेम कौतुक-343💐
💐प्रेम कौतुक-343💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
लफ़्ज़ कुछ भी नहीं है कहने को
लफ़्ज़ कुछ भी नहीं है कहने को
Dr fauzia Naseem shad
कविता के हर शब्द का, होता है कुछ सार
कविता के हर शब्द का, होता है कुछ सार
Dr Archana Gupta
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कहां पता था
कहां पता था
dks.lhp
तुम्हारी छवि
तुम्हारी छवि
Rashmi Sanjay
हट जा हट जा भाल से रेखा
हट जा हट जा भाल से रेखा
सूर्यकांत द्विवेदी
अगर फैसला मैं यह कर लूं
अगर फैसला मैं यह कर लूं
gurudeenverma198
"प्यासा"मत घबराइए ,
Vijay kumar Pandey
हम बच्चों की आई होली
हम बच्चों की आई होली
लक्ष्मी सिंह
होली
होली
Manu Vashistha
अमृत महोत्सव
अमृत महोत्सव
Mukesh Jeevanand
जेंडर जस्टिस
जेंडर जस्टिस
Shekhar Chandra Mitra
विचारमंच भाग -5
विचारमंच भाग -5
Rohit Kaushik
गुरुवर बहुत उपकार है
गुरुवर बहुत उपकार है
Ravi Yadav
Karoge kadar khudki tab 🙏
Karoge kadar khudki tab 🙏
Nupur Pathak
जब अपने ही कदम उलझने लगे अपने पैरो में
जब अपने ही कदम उलझने लगे अपने पैरो में
'अशांत' शेखर
Loading...