Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2016 · 1 min read

चिट्ठी

कितनी सच्ची थी चिठ्ठी
कितनी अच्छी थी चिठ्ठी ।
सुख- दुख मेरे ले जाती थी
मन की अपने कह जाती थी ,
मेरे अपनों की गाथा
कुछ ही शब्दों में दे जाती थी ।।
रिश्तों का अहसास थी चिठ्ठी
कितनों का विश्वास थी चिठ्ठी ,
एक- दूजे से बाँधने वाली
कागज की एक डोर थी चिठ्ठी ।
संबंध मधुर बनाती थी
दूरियो को मिटाती थी ,
बिछुड़ जाते थे जो साथी
उनको वो मिलवाती थी ,
जाने कैसे पीछे रह गयी
फेसबुक और ई- मेल से चिट्ठी ।
आज चिठ्ठी इतिहास हो गयी
बीते दिनों की बात हो गयी ,
जीवन के सारे संस्कारों में
चिट्ठी ही बुलावा होती थी ;
पर अब न ही चिठ्ठी आती है
अब न ही चिठ्ठी जाती है ,
व्हाट्सएप के लघु संदेशों में
बातें सारी हो जाती हैं ।
बस ऐसे ही वो गुम हो गयी
सबकी प्यारी – प्यारी चिठ्ठी ।
कितनी सच्ची थी चिठ्ठी
कितनी अच्छी थी चिट्ठी ।।

डॉ रीता
आया नगर, नई दिल्ली- 47

Language: Hindi
300 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all

You may also like these posts

गुरु चरणों मे चारों धाम
गुरु चरणों मे चारों धाम
Dr. P.C. Bisen
*कमाल की बातें*
*कमाल की बातें*
आकांक्षा राय
हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है।
हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है।
Sanjay ' शून्य'
सुनो...
सुनो...
हिमांशु Kulshrestha
प्रेम क्या है?
प्रेम क्या है?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सपने
सपने
Mansi Kadam
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
मुझको निभाना होगा अपना वचन
मुझको निभाना होगा अपना वचन
gurudeenverma198
■ जैसा देश, वैसा भेष।
■ जैसा देश, वैसा भेष।
*प्रणय*
किराये की कोख
किराये की कोख
Dr. Kishan tandon kranti
तन मन धन निर्मल रहे, जीवन में रहे उजास
तन मन धन निर्मल रहे, जीवन में रहे उजास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माँ
माँ
Karuna Bhalla
जब पीड़ा से मन फटता है
जब पीड़ा से मन फटता है
पूर्वार्थ
अहोभाग्य
अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*** मेरा पहरेदार......!!! ***
*** मेरा पहरेदार......!!! ***
VEDANTA PATEL
माँ
माँ
Dr. Vaishali Verma
शर्माती हुई जब वो बगल से चली जाती है
शर्माती हुई जब वो बगल से चली जाती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
- दिल की धड़कन में बसी हो तुम -
- दिल की धड़कन में बसी हो तुम -
bharat gehlot
चिन्ता और चिन्तन
चिन्ता और चिन्तन
ललकार भारद्वाज
मुहावरे में बुरी औरत
मुहावरे में बुरी औरत
Dr MusafiR BaithA
मैं झुका नहीं मैं गिरा नहीं
मैं झुका नहीं मैं गिरा नहीं
VINOD CHAUHAN
पंख गिरवी रख लिए
पंख गिरवी रख लिए
Dr. Rajeev Jain
कैसे कहूँ दिल की बातें
कैसे कहूँ दिल की बातें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Neelam Sharma
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
एक अधूरी कविता।
एक अधूरी कविता।
manorath maharaj
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
पहुंच गए हम चांद पर
पहुंच गए हम चांद पर
Sudhir srivastava
रौशनी का गुलाम
रौशनी का गुलाम
Vivek Pandey
एक ख्वाब थे तुम,
एक ख्वाब थे तुम,
लक्ष्मी सिंह
Loading...