चार पैसे भी नही….
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चार पैसे भी नही है,पास अपने क्या करें?
टूट कर बिखरे पड़े सब, आस सपने क्या करें
शेष दिल में कुछ कहीं पे, कर गुजरने का जूनुं,
ले चला हमको जगाकर, खास करने क्या करें?
–“प्यासा”
चार पैसे भी नही है,पास अपने क्या करें?
टूट कर बिखरे पड़े सब, आस सपने क्या करें
शेष दिल में कुछ कहीं पे, कर गुजरने का जूनुं,
ले चला हमको जगाकर, खास करने क्या करें?
–“प्यासा”