Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Oct 2022 · 1 min read

गज़ल

“गज़ल”
मुझसे जब भी मिली आहें भरती मिली
लव थे खामोश बस वो सिसकती मिली।

नींद में ख्वाब में जब भी देखा उसे
वो भी मेरी तरह ही तड़पती मिली।

नैना नम थे भरे अश्क़ आंखों में थे
एक झलक पाने को वो तरसती मिली।

गम से बोझिल था दिल थी उदासी बड़ी
रोते रोते भी वो मुझको हंसती मिली।

फिज़ाओं में ठंढक थी शीतल पवन
फिर भी शोलों के जैसे दहकती मिली।

था समंदर सवालों का अंदर छुपा
प्यार में गुफ्तगू फिर भी करती मिली।

भरके आगोश में ऐसे मदहोश थे
जैसे अम्बर से हो आज धरती मिली।

सूना मंज़र था खामोशियां हर तरफ
“कृष्णा” के संग चमन मे चहकती मिली।

के एम त्रिपाठी “कृष्णा”

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 132 Views
You may also like:
बाल-कविता: 'मम्मी-पापा'
बाल-कविता: 'मम्मी-पापा'
आर.एस. 'प्रीतम'
" बच्चा दिल का सच्चा"
Dr Meenu Poonia
भक्ति -गजल
भक्ति -गजल
rekha mohan
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर उनकी बातों में विश्
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर...
जय लगन कुमार हैप्पी
करना है, मतदान हमको
करना है, मतदान हमको
Dushyant Kumar
“मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूँ”
“मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूँ”
DrLakshman Jha Parimal
हे!महादेव है नमन तुम्हें,
हे!महादेव है नमन तुम्हें,
Satish Srijan
जब 'बुद्ध' कोई नहीं बनता।
जब 'बुद्ध' कोई नहीं बनता।
Buddha Prakash
वतन के रखवाले
वतन के रखवाले
Shekhar Chandra Mitra
***
*** " बिंदु और परिधि....!!! " ***
VEDANTA PATEL
हर कोरे कागज का जीवंत अल्फ़ाज़ बनना है मुझे,
हर कोरे कागज का जीवंत अल्फ़ाज़ बनना है मुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
उम्र गुजर रही है अंतहीन चाह में
उम्र गुजर रही है अंतहीन चाह में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग।
मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
✍️रंग बदलती जिंदगी
✍️रंग बदलती जिंदगी
'अशांत' शेखर
ग़ज़ल- होश में आयेगा कौन (राना लिधौरी)
ग़ज़ल- होश में आयेगा कौन (राना लिधौरी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रिश्ते (एक अहसास)
रिश्ते (एक अहसास)
umesh mehra
💐प्रेम कौतुक-264💐
💐प्रेम कौतुक-264💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इधर उधर न देख तू
इधर उधर न देख तू
Shivkumar Bilagrami
देव भूमि - हिमान्चल
देव भूमि - हिमान्चल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये मुनासिब नहीं
ये मुनासिब नहीं
Dr fauzia Naseem shad
गम को भुलाया जाए
गम को भुलाया जाए
Dr. Sunita Singh
गोवा यात्रा 4 - 7 फरवरी 2021
गोवा यात्रा 4 - 7 फरवरी 2021
Ravi Prakash
त्रासदी
त्रासदी
Shyam Sundar Subramanian
श्री राम के आदर्श
श्री राम के आदर्श
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तूफान हूँ मैं
तूफान हूँ मैं
Aditya Prakash
बेवफा अपनों के लिए/Bewfa apno ke liye
बेवफा अपनों के लिए/Bewfa apno ke liye
Shivraj Anand
"सूत्र"
Dr. Kishan tandon kranti
आज सबको हुई मुहब्बत है।
आज सबको हुई मुहब्बत है।
सत्य कुमार प्रेमी
माना हम गरीब हैं।
माना हम गरीब हैं।
Taj Mohammad
■ अटल भरोसा...
■ अटल भरोसा...
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...