Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

टीस मन से हमारे निकल जायेगी
रंग मसले का फिर ये बदल जायेगी

पेड़ पर जैसे पत्ते नये आतें हैं
होके पतझड़ बहारों में ढ़ल जायेगी

लोग कहतें हैं मुझमें सियासत नही
सोच उनकी ये सत्ता निगल जायेगी

दफ़्न होगी धुएँ में जो इंसानियत
उस धमाके से दुनिया दहल जायेगी

भूख से रोग से लड़ रहे थे महज़
ज़िन्दगी जंग में यूँ मसल जायेगी

Language: Hindi
1 Like · 86 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahendra Narayan
View all
You may also like:
बनना है तो, किसी के ज़िन्दगी का “हिस्सा” बनिए, “क़िस्सा” नही
बनना है तो, किसी के ज़िन्दगी का “हिस्सा” बनिए, “क़िस्सा” नही
Anand Kumar
चिंपू गधे की समझदारी - कहानी
चिंपू गधे की समझदारी - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोहा छंद विधान ( दोहा छंद में )
दोहा छंद विधान ( दोहा छंद में )
Subhash Singhai
लड़के हमेशा खड़े रहे
लड़के हमेशा खड़े रहे
पूर्वार्थ
रमेशराज की एक तेवरी
रमेशराज की एक तेवरी
कवि रमेशराज
*
*"हलषष्ठी मैया'*
Shashi kala vyas
स्वयं को सुधारें
स्वयं को सुधारें
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
💤 ये दोहरा सा किरदार 💤
💤 ये दोहरा सा किरदार 💤
Dr Manju Saini
सारे निशां मिटा देते हैं।
सारे निशां मिटा देते हैं।
Taj Mohammad
दम उलझता है
दम उलझता है
Dr fauzia Naseem shad
जबकि ख़ाली हाथ जाना है सभी को एक दिन,
जबकि ख़ाली हाथ जाना है सभी को एक दिन,
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
नया है रंग, है नव वर्ष, जीना चाहता हूं।
नया है रंग, है नव वर्ष, जीना चाहता हूं।
सत्य कुमार प्रेमी
*भाग्य विधाता देश के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*भाग्य विधाता देश के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
* विदा हुआ है फागुन *
* विदा हुआ है फागुन *
surenderpal vaidya
तस्मात् योगी भवार्जुन
तस्मात् योगी भवार्जुन
सुनीलानंद महंत
सत्य की खोज
सत्य की खोज
dks.lhp
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज का महाभारत 1
आज का महाभारत 1
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आदिपुरुष आ बिरोध
आदिपुरुष आ बिरोध
Acharya Rama Nand Mandal
वक्त का क्या है
वक्त का क्या है
Surinder blackpen
सावन
सावन
Dr Archana Gupta
रिश्ता कभी खत्म नहीं होता
रिश्ता कभी खत्म नहीं होता
Ranjeet kumar patre
3394⚘ *पूर्णिका* ⚘
3394⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हुनर
हुनर
अखिलेश 'अखिल'
दोहे _ उलझे उलझे ।
दोहे _ उलझे उलझे ।
Neelofar Khan
शयनकक्ष श्री हरि चले, कौन सँभाले भार ?।
शयनकक्ष श्री हरि चले, कौन सँभाले भार ?।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
gurudeenverma198
आज़ के रिश्ते.........
आज़ के रिश्ते.........
Sonam Puneet Dubey
यादों की बारिश
यादों की बारिश
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
Loading...