Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2022 · 1 min read

ग़ज़ल- होश में आयेगा कौन (राना लिधौरी)

*ग़ज़ल- होश में लायेगा कौन-*

सब यहाँ बेहोश है तो होश में लाएगा कौन।
पश्चिमी हवा तेज़ है भारतीय संस्कृति बचाएगा कौन।।

पाप अपना छिपाने को उसे यूँ ही छोड़ दिया।
देर से सिसक रहा है वो उसे अब उड़ाएगा कौन।।

देश गुलामी में जकड़ा हुआ कर्ज़ बढ़ता जा रहा।
रावणों का शासन है, राम राज्य लाएगा कौन।।

ताउम्र तूने पाप किये बद्दुआ लोगों की ली।
चंद दिनों की इबादत से जन्नत तुझे पहुँचाएगा कौन।।

फाइल टेबिल पे पड़ी,धूल खाकर मोटी हो रही।
दक्षिणा के बिना ‘राना’ फाइल आगे सरकाएगा कौन।।
***
*© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़*
संपादक-“आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ बुंदेली पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
*( *राना का नज़राना* (ग़ज़ल संग्रह-2015)- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के ग़ज़ल-86 पेज-94 से साभार

2 Likes · 1 Comment · 73 Views
You may also like:
नज़रों को तेरी कुछ नये मैं ख़्वाब दूं।
नज़रों को तेरी कुछ नये मैं ख़्वाब दूं।
Taj Mohammad
श्रद्धा के सुमन ले के आया तेरे चरणों में
श्रद्धा के सुमन ले के आया तेरे चरणों में
Prabhu Nath Chaturvedi
तलाश
तलाश
Shyam Sundar Subramanian
शिव की बनी रहे आप पर छाया
शिव की बनी रहे आप पर छाया
Shubham Pandey (S P)
The Earth Moves
The Earth Moves
Buddha Prakash
रूठते-मनाते,
रूठते-मनाते,
Amber Srivastava
“प्यार तुम दे दो”
“प्यार तुम दे दो”
DrLakshman Jha Parimal
तब मैं कविता लिखता हूँ
तब मैं कविता लिखता हूँ
Satish Srijan
आंखों में ख़्वाब की
आंखों में ख़्वाब की
Dr fauzia Naseem shad
अपने हाथ,
अपने हाथ,
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
एक मुर्गी की दर्द भरी दास्तां
एक मुर्गी की दर्द भरी दास्तां
ओनिका सेतिया 'अनु '
फौजी बनना कहाँ आसान है
फौजी बनना कहाँ आसान है
Anamika Singh
■ लोकतंत्र या ढोकतंत्र?
■ लोकतंत्र या ढोकतंत्र?
*Author प्रणय प्रभात*
Thought
Thought
साहित्य लेखन- एहसास और जज़्बात
-------ग़ज़ल-----
-------ग़ज़ल-----
प्रीतम श्रावस्तवी
हाइकु: आहार।
हाइकु: आहार।
Prabhudayal Raniwal
When compactibility ends, fight beginns
When compactibility ends, fight beginns
Sakshi Tripathi
Rainbow (indradhanush)
Rainbow (indradhanush)
Nupur Pathak
काफिर कौन..?
काफिर कौन..?
मनोज कर्ण
हीरा बा
हीरा बा
मृत्युंजय कुमार
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
किसी पर हक हो ना हो
किसी पर हक हो ना हो
shabina. Naaz
*हमारे त्योहार* (कुंडलिया)
*हमारे त्योहार* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
✍️गहरी बात✍️
✍️गहरी बात✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
💐💐संयमेन शक्ति: उत्पन्नं भवति💐💐
💐💐संयमेन शक्ति: उत्पन्नं भवति💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
✍️हृदय को थोड़ा कठोर बनाकर
✍️हृदय को थोड़ा कठोर बनाकर
'अशांत' शेखर
रंगों  की  बरसात की होली
रंगों की बरसात की होली
Vijay kumar Pandey
निःशब्दता हीं, जीवन का सार होता है।
निःशब्दता हीं, जीवन का सार होता है।
Manisha Manjari
बरसात
बरसात
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सपना देखा है तो
सपना देखा है तो
कवि दीपक बवेजा
Loading...