Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2022 · 1 min read

गरीबी

…………………गरीबी…………………..
………….एक सितम है गहरा …………..
………….उस पर भी होता है…………..
…………लोगों का कड़ा पहरा …………
…….छोड़ जाने को हर कोई बेताब …….
…….किस कलम से लिखी किताब……..
….हर रास्ते को मेहनत से सीख रहा है….
वह हौसले के दम पर अमीरी खींच रहा है
अंधेरे आलम में जिद पर अकेला खड़ा है.
सूरज के सामने वह जुगनू – सा अडा़ है..
आज मानो जीत ही लेगा जंग- ए- गरीबी.
मानो सीच लेगा अमीरी से गरीबी को वह
एक-एक करके छोड़ गए जो राहों में……
लौट आऐंगे जैसे आएंगे अमीरी के पल..
अमीरी आते ही लहजा सहज ही रहता है.
गरीबी का समय उसके जहन में रहता है..
..चढ़ती कहां है अमीरी उसके गुमान में…
…..निगाह रहती हो चाहे आसमान में…..
….मौला बक्सों हर किसी को अमीरी……
……….कमी ना आए किसी के………….
……………..”सम्मान में”…………………

गरीबी सबक है …………..
कमल हर जगह हर आलम में खिलता कहां है …….
अमीरी का अवसर गरीब के सिवा किसी और को मिलता कहां है !!

✍कवि दीपक सरल

Language: Hindi
1 Like · 132 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
अलविदा कहने से पहले
अलविदा कहने से पहले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लहर
लहर
Shyam Sundar Subramanian
बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
Mahendra Narayan
💐कई बार देखकर भी एक बार देखा💐
💐कई बार देखकर भी एक बार देखा💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*तिल के लड्‌डू-मूँगफली, पापड़-खिचड़ी की धूम मची (मुक्तक)*
*तिल के लड्‌डू-मूँगफली, पापड़-खिचड़ी की धूम मची (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दिल टूट गईल
दिल टूट गईल
Shekhar Chandra Mitra
ख्वाहिशें आँगन की मिट्टी में, दम तोड़ती हुई सी सो गयी, दरार पड़ी दीवारों की ईंटें भी चोरी हो गयीं।
ख्वाहिशें आँगन की मिट्टी में, दम तोड़ती हुई सी सो गयी, दरार पड़ी दीवारों की ईंटें भी चोरी हो गयीं।
Manisha Manjari
आओ ऐसा एक भारत बनाएं
आओ ऐसा एक भारत बनाएं
नेताम आर सी
तुम्हारी यादों में सो जाऊं
तुम्हारी यादों में सो जाऊं
RAJA KUMAR 'CHOURASIA'
काली सी बदरिया छाई रे
काली सी बदरिया छाई रे
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
सत्य को अपना बना लो,
सत्य को अपना बना लो,
Buddha Prakash
जीवन की गाड़ी
जीवन की गाड़ी
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बाधा को 'चल हट' कहता है,
बाधा को 'चल हट' कहता है,
Satish Srijan
तेरी आदत सी हो गई दिल को
तेरी आदत सी हो गई दिल को
Dr fauzia Naseem shad
"लक्ष्य"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
//...महापुरुष...//
//...महापुरुष...//
Chinta netam " मन "
तू मेरा मैं  तेरी हो जाऊं
तू मेरा मैं तेरी हो जाऊं
Ananya Sahu
डा० अरुण कुमार शास्त्री
डा० अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज तो ठान लिया है
आज तो ठान लिया है
shabina. Naaz
कुडा/ करकट का संदेश
कुडा/ करकट का संदेश
Vijay kannauje
भ्रूणहत्या
भ्रूणहत्या
डॉ प्रवीण ठाकुर
उलझनें हैं तभी तो तंग, विवश और नीची  हैं उड़ाने,
उलझनें हैं तभी तो तंग, विवश और नीची हैं उड़ाने,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तुम तो मुठ्ठी भर हो, तुम्हारा क्या, हम 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य उलझ जाएगा
तुम तो मुठ्ठी भर हो, तुम्हारा क्या, हम 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य उलझ जाएगा
Anand Kumar
लालटेन-छाप
लालटेन-छाप
*Author प्रणय प्रभात*
गुम है सरकारी बजट,
गुम है सरकारी बजट,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दवा की तलाश में रहा दुआ को छोड़कर,
दवा की तलाश में रहा दुआ को छोड़कर,
Vishal babu (vishu)
सपनो में देखूं तुम्हें तो
सपनो में देखूं तुम्हें तो
Aditya Prakash
आंधियां अपने उफान पर है
आंधियां अपने उफान पर है
कवि दीपक बवेजा
तुमको ख़त में क्या लिखूं..?
तुमको ख़त में क्या लिखूं..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...