गजल
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/b9ea82d37c07c59a03d1ddc1c83c0966_ef2f06186129fb4c4c9da4c16b1d6df6_600.jpg)
आंसू है,गम है,यास दिले दर्द मंद है।
जो कह न सके लफ्ज़,लिफाफे में बंद है।
❤️
रखते नही हैं ख्वाहिशें गिलमानो हूर की।
मैं उसको हूं पसंद वो मुझको पसंद है।
❤️
भूचाल सियासत में मचाएंगे अब चुनाव।
जिन्नात आज कल कई बोतल में बंद हैं।
❤️
साया फिगन है सर पे मेरे दस्ते वालीदैन।
उनका वजूद है तो मेरा सर बुलंद है।
❤️
आंसू है,दिल है,दर्द है दस्तार है”सगी़र”
महबूब मेरे,तुझको बता क्या पसंद है।