Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Nov 2023 · 3 min read

खेल और राजनीती

ये बहुत ही अफसोस की बात है हम विश्वकप क्रिकेट का अंतिम मैच नही जीत पाए शुरू में कमजोर लगनेवाली ऑस्ट्रेलिया टीम से हार गए। आखिर खेल है इसमें हार जीत लगी रहती है बस इतनी सी बात बोलकर हम खुद को तसल्ली दे रहे है मगर अस्सल में जहाँ एक मजबूत भारतीय टीम जो लगातार अपने बाहुबली प्रदर्शन से दस मैच जीत कर अंतिम मुकाबले तक पहुँची और विश्वकप 2023 में शामिल होनेवाली हर एक टीम को हराया है ये एक भारतीय टीम के खिलाडियों का मानसिक तथा शारीरिक रूप से मजबूत तथा सक्षम होने का प्रमाण है। न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल तक भारतीय टीम पूरी तरह मैदान में स्पार्टन के तरह लड़ते नजर आती है और अंतिम फाइनल में ऐसा क्या हो गया कि बैटिंग में भारतीय टीम संभल नही पाई? फेसबुक व्हाट्सअप और इंस्टा के सोशल मीडिया यूनिवर्सिटी से बहुत से लेख पढ़ने के बाद कुछ बाते सामने आती है उसपर भी हम सोच सकते है

1. आप भूतकाल में कितने सफल (कल तक) हो मायने नही रखता,कल की मेहनत आपके काम नही आएगी आपको आज सफल होने के लिए आज मेहनत करनी पड़ेगी तो हमारे सफल होने के ज्यादा चांस बढ़ सकते है।

2.आपकी मेहनत,आपकी स्किल और आपके भूतकाल के सफलता से ज्यादा आज सफलता के लिए की जानेवाली स्ट्रेटेजी (strategies) महत्त्वपूर्ण होती है।

3. आपके टीम के सफल होने के क्या प्रोसेस है? उस पर ज्यादा फोकस करना जरूरी था ना की सफलता को धर्म,जाती, अभिमान,इमोशन और राजकारण से जोड देना

4.आपकी टीम में खेलनेवाले सहयोगी हर मैच में बेस्ट दे सकते है इस बात पर विश्वास न रखते हुए आपको एक लीडर की तरह नेतृत्व करना है जब तक आप मैदान में है।

5.हर बार खेलने की एक ही तरीका आपको सफल बना सकता है इस वहम में आपकी जीत तय नही होती।जिस तरह चेस में हमेशा अलग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल किया जाता है और बाज़ी जितने के लिए तरीके बदलने पड़ते है। हर खेल में यह लागू होता है जैसे रोहित के खेलने के तरीके से ऑस्ट्रलियन खिलाडी परिचित थे यहाँ अलग स्ट्रेटेजी का प्लानिंग करना जरुरी था।

6.भारतीय लोगो को और खिलाड़ियों को एक सिख लेना जरूरी है के होमहवन,महाआरती, पूजाअर्चा, झूठी भविष्यवाणी, दाया या बाया पैड पहले पहनना ये सब बाहर की बातें आपको कुछ पल के लिए समाधान देगी मगर जो जितने का जुनूँ है वो जज़्बा आप अंदर से कितने मजबूत हो इसपर निर्भर करता है।

7.जो टीम लीडर या कप्तान होता है उसका एक मेंटल स्ट्रेटेजी का पैटर्न होना चाहिए जो विरोधी टीम तथा खिलाड़ियों पर मानसिक आघात करे । अपने सपनो को मीडिया के सामने रखने का “Mental Breaking Pscycology Pattern” होता है जो ऑस्ट्रलिया के कप्तान ने करके दिखाया के हमें 1.3 लाख भारतीय को शांत बिठाना है क्यूँ तो भारतीय खिलाड़ियों को मिलनेवाला मानसिक बल और आधार भारतीय टीम के लिए समर्थनिय है, ये उनकी ऑस्ट्रेलिया टीम पर हावी हो सकता है।जब सफल होने के लिए एक ही बात को बार बार दोहराया जाता है तो उसका एक मानसिक दबाव भी विरोधियो पे तैयार होता है जो भारतीय टीम पर तैयार हुवा और ना चौका/ना छक्का लग रहा था और लगातार विकेट से मैदान शांत हो रहा था और भारतीय खिलाड़ियों के हौसले टूट रहे थे।

8.खेल के प्रति देश में एक खेल भावना की मानसिकता लोगो में निर्माण करना जहाँ धर्म और राजकारण से इसे ना जोड़ा जाए आप खेल को धर्मयुद्ध में परिवर्तित करके और इसके फलस्वरूप आपका इसपर राजनितिक रोटी सेकना ऐसे गैरजरूरी मुद्दे को टालना जरुरी है।

क्या होता यदि हम 2023 का क्रिकेट विश्वकप जित लेते? क्या प्रिंट मीडिया,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और ये अंधभक्तो का सोशल मीडिया ये एक अलग राजकीय मानसिकता और चुनावी मुद्दे के लिए इस्तेमाल करने पर आमादा रहता और कितने सारे पेज,संपादकीय लेख, स्तम्भलेख लिखे जाते ऐसे टाइटल के साथ जहाँ लिखा जाता के ‘अहमदाबाद मोदी स्टेडियम में पंतप्रधान मोदी की उपस्थिति में भारत क्रिकेट में विश्वगुरु बन गया’ और नजाने क्या क्या लिखा जाता मगर भारतीय खिलाड़ी तो तब भी हाथ मलते ही रह जाते और भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी के उपलब्धी का सारा का सारा श्रेय कोई और ही लेकर जाता… खेल और राजनीती ये दोनों अलग पहलु है और इन्हें अलग ही रखना जरुरी है वर्ना हर दफा करोडो भारतीयों को ऐसी ही निराशाजनक परिस्थिति का सामना बार बार करते रहना पड़ेगा

‘अशांत’ शेखर
नागपुर

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 219 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम की पेंगें बढ़ाती लड़की / मुसाफ़िर बैठा
प्रेम की पेंगें बढ़ाती लड़की / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
पंख
पंख
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
एडमिन क हाथ मे हमर सांस क डोरि अटकल अछि  ...फेर सेंसर ..
एडमिन क हाथ मे हमर सांस क डोरि अटकल अछि ...फेर सेंसर .."पद्
DrLakshman Jha Parimal
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
Rj Anand Prajapati
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समरथ को नही दोष गोसाई
समरथ को नही दोष गोसाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
Atul "Krishn"
रामचरितमानस
रामचरितमानस
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
*जो लूॅं हर सॉंस उसका स्वर, अयोध्या धाम बन जाए (मुक्तक)*
*जो लूॅं हर सॉंस उसका स्वर, अयोध्या धाम बन जाए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
नजरअंदाज करने के
नजरअंदाज करने के
Dr Manju Saini
नारी का बदला स्वरूप
नारी का बदला स्वरूप
विजय कुमार अग्रवाल
तुम याद आये !
तुम याद आये !
Ramswaroop Dinkar
लाल फूल गवाह है
लाल फूल गवाह है
Surinder blackpen
"जब तुम होते पास"
Dr. Kishan tandon kranti
हर रास्ता मुकम्मल हो जरूरी है क्या
हर रास्ता मुकम्मल हो जरूरी है क्या
कवि दीपक बवेजा
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
कवि रमेशराज
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
Ranjeet kumar patre
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मौत क़ुदरत ही तो नहीं देती
मौत क़ुदरत ही तो नहीं देती
Dr fauzia Naseem shad
कह दिया आपने साथ रहना हमें।
कह दिया आपने साथ रहना हमें।
surenderpal vaidya
याद
याद
Kanchan Khanna
रामायण  के  राम  का , पूर्ण हुआ बनवास ।
रामायण के राम का , पूर्ण हुआ बनवास ।
sushil sarna
कोई तो रोशनी का संदेशा दे,
कोई तो रोशनी का संदेशा दे,
manjula chauhan
पीर- तराजू  के  पलड़े  में,   जीवन  रखना  होता है ।
पीर- तराजू के पलड़े में, जीवन रखना होता है ।
Ashok deep
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
पूर्वार्थ
साँप और इंसान
साँप और इंसान
Prakash Chandra
कब तक बरसेंगी लाठियां
कब तक बरसेंगी लाठियां
Shekhar Chandra Mitra
शूद्र व्यवस्था, वैदिक धर्म की
शूद्र व्यवस्था, वैदिक धर्म की
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"आंधी की तरह आना, तूफां की तरह जाना।
*प्रणय प्रभात*
इश्क बेहिसाब कीजिए
इश्क बेहिसाब कीजिए
साहित्य गौरव
Loading...