कोई फैसला खुद के लिए, खुद से तो करना होगा,
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कोई फैसला खुद के लिए, खुद से तो करना होगा,
मिट गया है उसके यादों का समंदर, कहना होगा।
जमाना उठाएगा उंगली, मेरे ऊपर मुझे मालूम है,
खुद को जीने के लिए, खुद में, उसे मारना होगा।
उसे यकीन दिलाना होगा, अपने नये हकीकत पर,
सीने में दफन कर, किसी को जिन्दा करना होगा।
आखिर मेरा ही उसके लिए, तड़पना और रोना क्यों,
वह गुजर गई मेरी मुहब्बत से, मुझे भी चुपचाप गुजरना होगा।