कुछ तुम कहो जी, कुछ हम कहेंगे
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कुछ तुम कहो जी, कुछ हम कहेंगे
बाक़ी न कुछ भी, दिल में रखेंगे
क्या ख़ूब क़िस्मत, जो तुम मिरे हो
कुछ और अब क्या, हसरत करेंगे
हो रूह मेरी, या जिस्म मेरा
धड़कन जुदा हम, कैसे करेंगे
– महावीर उत्तरांचली
कुछ तुम कहो जी, कुछ हम कहेंगे
बाक़ी न कुछ भी, दिल में रखेंगे
क्या ख़ूब क़िस्मत, जो तुम मिरे हो
कुछ और अब क्या, हसरत करेंगे
हो रूह मेरी, या जिस्म मेरा
धड़कन जुदा हम, कैसे करेंगे
– महावीर उत्तरांचली