Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2016 · 1 min read

कलम घिसाई 3 आज मै ऊँचे आसन पर

आज मैं ऊँचे आसन पर मसनद के सहारे बैठा हूँ।
देख जमीन पर लोगो को खूब घमन्ड में ऐंठा हूँ।
*
इस आसन पर चढ़ने में पर कितना जियादा गिरा हूँ में।
पता नही किस किस के दर पर उनके चरणों में लेटा हूँ।
*
मालूम मुझे था ज़मीरगीरी बेश कीमती वस्तु है ।
बेच उसी को आजू मैं बन बैठा कुबेर का बेटा हूँ।
*
सच का गहना भी कभी मेरे इस तन को नही ढक पाया।
असत सहारे अंग अंग को मखमल से आज लपेटा हूँ।
*
रहा अहिंसक जब तलक मैं बहुत ही सताया लोगों ने।
पर छोडे अहिंसा को बन बैठा मैं नकटो में जेठा हूँ।
*
चोरि को पाप समझता था तब फांकानशी भी करता था।
जब माना चोरि खोट नही तो खाता मिठाई पेठा हूँ।

***********मधु गौतम
9414764891

Language: Hindi
481 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

..
..
*प्रणय प्रभात*
कितनी जमीन?
कितनी जमीन?
Rambali Mishra
पत्नी
पत्नी
विशाल शुक्ल
*वैराग्य के आठ दोहे*
*वैराग्य के आठ दोहे*
Ravi Prakash
हिंदी
हिंदी
Aruna Dogra Sharma
****माता रानी आई****
****माता रानी आई****
Kavita Chouhan
सरकार भरोसे क्या रहना
सरकार भरोसे क्या रहना
Shekhar Chandra Mitra
"विस्मृति"
Dr. Kishan tandon kranti
राखी(विधाता छंद)
राखी(विधाता छंद)
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
नरेंद्र
नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
എന്റെ കണ്ണൻ
എന്റെ കണ്ണൻ
Heera S
शांति से खाओ और खिलाओ
शांति से खाओ और खिलाओ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*अलविदा तेईस*
*अलविदा तेईस*
Shashi kala vyas
गुब्बारे
गुब्बारे
विजय कुमार नामदेव
मेरा लड्डू गोपाल
मेरा लड्डू गोपाल
MEENU SHARMA
याद रक्खा है आज भी तुमको
याद रक्खा है आज भी तुमको
Dr fauzia Naseem shad
*नेक सलाह*
*नेक सलाह*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
दूब और दरख़्त
दूब और दरख़्त
Vivek Pandey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Deepesh Dwivedi
3020.*पूर्णिका*
3020.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
दूध का वैज्ञानिक विश्लेषण,
दूध का वैज्ञानिक विश्लेषण,
Anil Kumar Mishra
जाने क्यों
जाने क्यों
Rashmi Sanjay
Today, I Choose to Let Go.
Today, I Choose to Let Go.
पूर्वार्थ
हम तो हैं प्रदेश में, क्या खबर हमको देश की
हम तो हैं प्रदेश में, क्या खबर हमको देश की
gurudeenverma198
चंद आंसूओं से भी रौशन होती हैं ये सारी जमीं,
चंद आंसूओं से भी रौशन होती हैं ये सारी जमीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
औरत अश्क की झीलों से हरी रहती है
औरत अश्क की झीलों से हरी रहती है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
Vishal Prajapati
चेहरे क्रीम पाउडर से नहीं, बल्कि काबिलियत से चमकते है ।
चेहरे क्रीम पाउडर से नहीं, बल्कि काबिलियत से चमकते है ।
Ranjeet kumar patre
निर्वात का साथी🙏
निर्वात का साथी🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...