करवाचौथ
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करवाचौथ व्रत
कार्तिक मास की चतुर्थी का दिन है शुभ आया,
सब सुहागिने देखे इस दिन चांद में पति की छाया।
करवाचौथ के व्रत में जो भी करवा मां का पूजन करे,
अमर सुहाग रहे उसका पति नित नव उन्नति करे।
करक चतुर्थी का यह दिन कहलाता है करवाचौथ,
इससे पति पत्नि के प्रेम समर्पण का उगता नया पौध।
करवाचौथ का यह पावन व्रत जो भी नारी रखे,
व्रत के प्रताप से पति को संकटों से दूर रखे।
दिन भर भूखी प्यासी रह पत्नि व्रत पूजन करे,
रात्रि में चंद्र दर्शन करके पति संग पूजन करे।
सुहागिनों के इस व्रत पूजन को पूर्ण करने आते चंद्रदेव,
देते आशीष सदा सलामत सुहाग रहे सदैव सुखी पतिदेव।
करवाचौथ का यह व्रत है निश्चित फल देता,
पति पत्नी के जीवन को प्रेम प्यार से भर देता।।
✍️ मुकेश कुमार सोनकर, रायपुर छत्तीसगढ़