“ऐसा है अपना रिश्ता “
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“ऐसा है अपना रिश्ता ”
कहने को तो बहुत है अपने ,
पर कोई तुमशा मिला न अपना।
जो समझे हमें दिल से अपना,
ऐसा है रिश्ता अपना।
बातों से परख लेते हो तुम,
देखते ही समझ जाते हो तुम।
दिल में खुशी है या गम ,
कहे बिना ही बता जाते हो तुम।
ऐसा है अपना रिश्ता ,ऐसा है अपना रिश्ता।
…….✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी