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28 Jul 2023 · 1 min read

ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा

ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
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ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
हुसैन ने तुझे ता हश्र तक मशहूर कर दिया

हुसैन वो है जो देते नहीं यजीद को हाथ
सर दे दिया और दीन को महफ़ूज़ कर दिया..

होती है खत्म शुजाअत इब्ने हसन के ऊपर
अरजक का गुरुर कासिम ने चूर चूर कर दिया

ए दरया- ये फ़ुरात तेरा पानी नहीं पिया
हाशिम के चाँद ने तुझे मकरूज कर दिया

करते थे सब्र और सजदाये -शुक्र कदम कदम
आबिद ने जालिमों को भी मजबूर कर दिया

उन तीन दिन के भूखे प्यासों की
जरा जंग तो देख लो
अक़बर ने पूरी फौज को नेजे पे धर दिया

खुदारा बा- रोजे महशर हमारी भी हो शिफायत
हमने भी नबी की आल से खुद को मनसूब कर दिया…..

From my book markaye-karbala……shabinaZ
shabinaZ

Language: Hindi
Tag: Book 2, Quote Writer, शेर

393 Views
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