एक किताब खोलो
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एक किताब खोलो
तो जैसे
एक पूरा जहान
सामने खुल जाता है।।
खुल जाती हैं
जमीं के नीचे की परतें,
पूरा आसमान
सामने खुल जाता है।
***धीरजा शर्मा****
एक किताब खोलो
तो जैसे
एक पूरा जहान
सामने खुल जाता है।।
खुल जाती हैं
जमीं के नीचे की परतें,
पूरा आसमान
सामने खुल जाता है।
***धीरजा शर्मा****